
मुंबई। महाराष्ट्र के बदलापुर में 12 अगस्त 2024 को दो बच्चियों के साथ यौन शोषण के मामले में मुख्य आरोपी अक्षय शिंदे की 23 सितंबर को पुलिस एनकाउंटर में मौत हो गई थी। इस एनकाउंटर की मजिस्ट्रेट जांच के आदेश दिए गए थे, और अब चार महीने बाद यह रिपोर्ट बॉम्बे हाईकोर्ट में पेश की गई। बॉम्बे हाईकोर्ट के जस्टिस रेवती मोहिते डेरे और जस्टिस नीला गोखले की डिवीजन बेंच ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए कहा कि जांच में यह पता चला है कि एनकाउंटर के दौरान वैन में मौजूद 5 पुलिसकर्मी जिम्मेदार थे। कोर्ट ने इन पांचों पुलिसकर्मियों पर एफआईआर दर्ज करने का आदेश दिया और सरकार से 2 हफ्ते में यह जानकारी देने को कहा कि इन पांचों के खिलाफ कौन सी जांच की जाएगी। पुलिस ने दावा किया था कि 23 सितंबर को ठाणे क्राइम ब्रांच ने अक्षय शिंदे को तलोजा जेल से बदलापुर लेकर आ रहे थे, तब आरोपी ने पुलिस की रिवॉल्वर छीनकर फायर किए थे, जिसके बाद पुलिस ने आत्मरक्षार्थ गोली चलाई और अक्षय शिंदे की मौत हो गई थी। अक्षय शिंदे की मौत के बाद उसके पिता ने बॉम्बे हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर एनकाउंटर की विशेष जांच दल (एसआईटी) से जांच की मांग की थी। उनका कहना था कि पुलिस ने अक्षय को कस्टडी में बुरी तरह पीटा और मामले को दबाने के लिए एनकाउंटर कर दिया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि उन्हें अक्षय का शव देखने नहीं दिया गया था। एनकाउंटर स्पेशलिस्ट पुलिस इंस्पेक्टर संजय शिंदे पर यह आरोप था कि उन्होंने आखिरी गोली चलाई, जिसमें अक्षय शिंदे घायल हो गए थे, और बाद में उनकी मौत हो गई थी। संजय शिंदे ठाणे क्राइम ब्रांच के एंटी-एक्सटॉर्शन सेल में एनकाउंटर स्पेशलिस्ट के रूप में काम कर चुके हैं और उनके साथ आईपीएस प्रदीप शर्मा भी काम कर चुके हैं, जो 100 से ज्यादा एनकाउंटर कर चुके हैं। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हाल ही में कहा था, हम मुठभेड़ों में विश्वास नहीं करते हैं। मेरा व्यक्तिगत रूप से मानना है कि कानून का पालन किया जाना चाहिए और अपराधी को उसी अनुसार सजा मिलनी चाहिए, लेकिन अगर पुलिस पर हमला होता है, तो हम तालियां नहीं बजाएंगे।