
ग्रेटर नोएडा। बिसाहड़ा गांव में वर्ष 2015 में हुए चर्चित अखलाक मॉब लिंचिंग मामले में मुकदमा वापसी की अर्जी पर शुक्रवार को अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश की अदालत में महत्वपूर्ण सुनवाई हुई। अभियोजन पक्ष द्वारा दायर मुकदमा वापस लेने की अर्जी पर अदालत ने अगली सुनवाई के लिए 18 दिसंबर की तिथि निश्चित कर दी है। सुनवाई के दौरान अभियोजन ने अदालत से अपना पक्ष विस्तृत रूप से रखने के लिए अतिरिक्त समय मांगा। अदालत ने अनुरोध स्वीकारते हुए अगली तारीख मुकर्रर की। वर्तमान में यह मुकदमा विचाराधीन है और कुछ महत्त्वपूर्ण गवाहों की गवाही भी अदालत में जारी है।
शासन ने मामले को वापस लेने की की है सिफारिश
सूत्रों के मुताबिक, उत्तर प्रदेश शासन ने सामाजिक सद्भाव एवं कानून-व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए इस मुकदमे को वापस लेने की सिफारिश की है। न्याय अनुभाग-5 (फौजदारी) लखनऊ द्वारा 26 अगस्त 2025 को जारी शासनादेश में इस केस को समाप्त करने की अनुमति दी गई थी। इसके पश्चात 12 सितंबर 2025 को संयुक्त निदेशक अभियोजन ने जिला शासकीय अधिवक्ता (फौजदारी) को आवश्यक कार्रवाई करने के निर्देश जारी किए। शासनादेश में स्पष्ट किया गया था कि राज्यपाल ने दंड प्रक्रिया संहिता की धारा 321 के तहत अभियोजन वापसी की अनुमति प्रदान कर दी है। इसी क्रम में अभियोजन पक्ष ने 15 अक्टूबर 2025 को अदालत में औपचारिक अर्जी दाखिल की थी।
परिवार बोला—न्यायालय के फैसले का करेंगे इंतजार
अखलाक के परिजनों ने कहा है कि वे न्यायालय की अंतिम निर्णय प्रक्रिया का सम्मान करते हैं और फैसला आने के बाद ही आगे की रणनीति तय करेंगे। परिजनों के अनुसार न्यायिक प्रक्रिया चल रही है, इसलिए वे अदालत के निर्णय का इंतजार करेंगे। इस बीच अदालत की अगली सुनवाई 18 दिसंबर को तय की गई है, जिसमें यह स्पष्ट होगा कि मुकदमा वापस लेने की अर्जी पर आगे की प्रक्रिया क्या होगी। सभी की निगाहें अब इस तारीख पर टिकी हैं।




