नागपुर। महाराष्ट्र के कांग्रेस विधायक और पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने बुधवार को महाराष्ट्र सरकार से कहा कि वह नागपुर में राज्य विधानमंडल के शीतकालीन सत्र के दौरान शहर को जोड़ने वाली उड़ानों के टिकटों की कीमतों में विमानन कंपनियों द्वारा की गई अधिक वृद्धि का मुद्दा केंद्र के समक्ष उठाए। विधान सभा में चव्हाण ने आरोप लगाया कि विमान के टिकटों की कीमतों में अत्याधिक वृद्धि का कारण उड्डयन मंत्री द्वारा पूर्व में लागू ‘सीलिंग’ तंत्र को हटाया जाना है। कांग्रेस विधायक अमीन पटेल ने कहा कि नागपुर में होटलों ने अपनी दरें बढ़ा दी हैं और होटल मालिक एक कमरे के लिए 20,000 रुपये रोजाना की दर से वसूल रहे हैं। चव्हाण ने विधानसभा में यह मुद्दा उठाते हुए कहा, ‘‘पहले एक सीमा तय की कई थी जिसके तहत विमानन कंपनिया एक सीमा तक ही टिकट की कीमत बढ़ा सकती थीं, लेकिन उड्डयन मंत्री ने इस सीमा को हटा दिया। इसके बाद विमानन कंपनियों ने अत्यधिक शुल्क वसूलना शुरू कर दिया है। यह आपातकालीन स्थितियों में की गई कालाबाजारी के अलावा कुछ नहीं है। राज्य सरकार को यह मुद्दा केंद्र के समक्ष उठाना चाहिए। उन्होंने कहा कि ओडिशा में हुए रेल दुर्घटना के दौरान भी विमान यात्रा से जुड़े टिकटों की कीमत 5,000 रुपये से बढ़कर 70,000 रुपये हो गई थी। पटेल ने कहा कि नागपुर में होटल संचालकों ने भी एक गिरोह बना लिया है। उन्होंने कहा होटल की दरों में बेतहाशा वृद्धि हुई है और यह 20,000 रुपये प्रतिदिन तक हो गई है, जो अनुचित है। विधायक नागपुर में रहने के दौरान इतनी ऊंची दर को कैसे वहन करेंगे?