
मुंबई। इस वर्ष के मानसून में हुई भारी बारिश और बाढ़ के कारण राज्यभर में किसानों को भारी नुकसान झेलना पड़ा है। सरकार ने इन प्रभावित किसानों को राहत प्रदान करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। राज्य के राहत एवं पुनर्वास मंत्री मकरंद जाधव पाटिल ने मंगलवार को जानकारी दी कि पहले दो हेक्टेयर तक सहायता देने का प्रावधान था, लेकिन अब विशेष उपाय के तहत इसे तीन हेक्टेयर तक बढ़ा दिया गया है। इस निर्णय के तहत सरकार ने कुल 648 करोड़ 15 लाख 41 हजार रुपये की धनराशि वितरण को मंजूरी दी है। यह निर्णय मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और अजीत पवार के मार्गदर्शन में लिया गया है। राहत मंत्री ने बताया कि अब तक राहत और पुनर्वास विभाग खरीफ मौसम की प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित किसानों के लिए 8,139 करोड़ रुपए के सरकारी निर्णय जारी कर चुका है। मंत्री पाटिल ने कहा कि इस निर्णय से 6,12,177 किसानों को लाभ मिलेगा, जिनकी फसलें 6,56,310.83 हेक्टेयर क्षेत्र में नष्ट हुई हैं। पहले सहायता दो हेक्टेयर तक सीमित थी, लेकिन अब अतिरिक्त एक हेक्टेयर के लिए भी मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने विश्वास जताया कि यह निर्णय किसानों को वास्तविक राहत देगा और उनकी आर्थिक स्थिति को स्थिर करने में मदद करेगा।
विभागवार सहायता वितरण:
छत्रपति संभाजीनगर संभाग (बीड, लातूर, परभणी, जालना, हिंगोली, नांदेड़): 3,58,612 किसानों के 3,88,101.13 हेक्टेयर क्षेत्र में फसल नुकसान के लिए 346 करोड़ 31 लाख 70 हजार रुपए की सहायता।
नागपुर संभाग (नागपुर, चंद्रपुर, वर्धा, गढ़चिरोली): 3,931 किसानों के 7,698.25 हेक्टेयर क्षेत्र के लिए 7 करोड़ 51 लाख 75 हजार रुपए की सहायता।
नासिक संभाग (नासिक, जलगांव, अहिल्यानगर): 53,865 किसानों के 50,629 हेक्टेयर क्षेत्र में फसल नुकसान के लिए 59 करोड़ 36 लाख 13 हजार रुपए की सहायता।
अमरावती संभाग (अकोला, अमरावती, यवतमाल, बुलढाणा, वाशिम): 1,07,615 किसानों के 1,39,438.23 हेक्टेयर क्षेत्र में फसल नुकसान के लिए 131 करोड़ 56 लाख 47 हजार रुपए की सहायता।
पुणे संभाग (सोलापुर, सांगली): 88,143 किसानों के 70,418.89 हेक्टेयर क्षेत्र में फसल नुकसान के लिए 103 करोड़ 37 लाख 20 हजार रुपए की सहायता।
कोंकण संभाग (ठाणे, पालघर): 11 किसानों के 25.33 हेक्टेयर क्षेत्र के लिए 2 लाख 16 हजार रुपए की सहायता।
मंत्री मकरंद जाधव पाटिल ने कहा कि राज्य सरकार किसानों के साथ मजबूती से खड़ी है और भविष्य में भी प्राकृतिक आपदाओं से प्रभावित किसानों को राहत देने के लिए हर संभव कदम उठाती रहेगी।