
पंढरपुर। पंढरपुर में आयोजित श्री संत शिरोमणि नामदेव महाराज, परिवार और संत जनाबाई के छठे शताब्दी संजीव समाधि समारोह में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने घोषणा की कि संत नामदेव महाराज के पंढरपुर स्थित समाधि स्थल और मंदिर का भव्य जीर्णोद्धार किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इस ऐतिहासिक स्थल को विश्वस्तरीय स्मारक के रूप में विकसित किया जाएगा और इसके लिए धन की कोई कमी नहीं आने दी जाएगी। मुख्यमंत्री ने संत नामदेव के योगदान को याद करते हुए कहा कि उन्होंने न केवल भक्ति की धारा को पूरे भारत में फैलाया, बल्कि सामाजिक समरसता, भाषा की एकता और आध्यात्मिक चेतना का संदेश देश के कोने-कोने तक पहुँचाया। फडणवीस ने कहा, “गुरु गोविंद सिंह और संत कबीर ने संत नामदेव को आदरपूर्वक स्मरण किया है। उन्होंने भारत की दिशाओं को जोड़ने और भागवत धर्म को सार्वभौमिक रूप देने का महान कार्य किया। उन्होंने यह भी बताया कि संत नामदेव ने देश के 22 राज्यों की यात्रा कर भक्ति आंदोलन को बल दिया। मीराबाई, नरसी मेहता, संत दादू, गरीबदास, संत ज्ञानेश्वर जैसे अनेक संत उनके विचारों से प्रेरित हुए। उन्होंने सामाजिक भेद मिटाकर एकात्मता का संदेश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि नामदेव ने पंढरपुर में एक ऐतिहासिक भोज आयोजित कर सभी जातियों को एकत्र कर एक सूत्र में पिरोने का कार्य किया।
साहित्यिक योगदान का उल्लेख करते हुए उन्होंने कहा कि संत नामदेव भारत के पहले जीवनीकार थे जिन्होंने भक्तों की जीवनियाँ, नाटक, संवादों और बच्चों की कहानियों के माध्यम से साहित्य को समृद्ध किया। उनके लिखे अभंग हिंदी, पंजाबी, ब्रजभाषा और शौरसेनी भाषाओं में पाए जाते हैं। सिख धर्म के गुरु ग्रंथ साहिब में भी उनके 61 श्लोक सम्मिलित हैं। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि संत नामदेव के विचार विद्यार्थियों तक पहुँचाने के लिए शैक्षणिक स्तर पर सरकारी प्रयास किए जाएँगे। नामदेव महाराज के विचार ही उनका सच्चा स्मारक हैं। इस समारोह में पालकमंत्री जयकुमार गोरे, विधायक समाधान अवताड़े, अभिजीत पाटिल, रणजीतसिंह मोहिते पाटिल, विभागीय आयुक्त डॉ. चंद्रकांत पुलकुंडवार, श्री नामदेव क्षत्रिय संघ के अध्यक्ष महेश धवले सहित कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे। पालकमंत्री जयकुमार गोरे ने कहा कि सरकार संत नामदेव महाराज के मंदिर क्षेत्र और समाधि स्थल के व्यापक विकास के लिए पूरी प्रतिबद्धता से काम कर रही है। मुख्यमंत्री के नेतृत्व में पंढरपुर को एक सांस्कृतिक, आध्यात्मिक और पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इस अवसर को संत नामदेव की 675वीं संजीव समाधि का पावन क्षण बताते हुए कहा कि नामदेव पयारी के दर्शन से पांडुरंग दर्शन का पुण्य प्राप्त होता है। उन्होंने कहा कि नामदेव महाराज के अभंग आज भी हमें सामाजिक समरसता, भक्ति, और सार्वभौमिक भाईचारे की प्रेरणा देते हैं।