
मुंबई। महाराष्ट्र में विभिन्न सरकारी विभागों द्वारा सार्वजनिक स्थानों और कार्यालयों में सुरक्षा के मद्देनज़र लगाए गए सीसीटीवी कैमरों की निगरानी और फुटेज की उपलब्धता को लेकर अब एक आदर्श कार्यप्रणाली (SOP) तैयार की जाएगी। इस संबंध में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने गृह विभाग को दिशा-निर्देश दिए हैं। इस जानकारी की पुष्टि राज्य के गृह राज्य मंत्री डॉ. पंकज भोयर ने मंगलवार को विधान परिषद में की। यह जवाब उन्होंने कांग्रेस के सदस्य सतेज (बंटी) पाटिल द्वारा पूछे गए प्रश्न पर दिया। इस विषय पर अशोक (भाई) जगताप ने भी चर्चा में भाग लिया।
निजी प्रतिष्ठानों की गोपनीयता की रक्षा का आश्वासन
राज्य मंत्री डॉ. भोयर ने स्पष्ट किया कि यह सुनिश्चित किया जाएगा कि निजी प्रतिष्ठानों के सीसीटीवी फुटेज अनधिकृत रूप से सार्वजनिक न किए जाएं। उन्होंने कहा-हम एक ऐसी नीति बना रहे हैं जिससे यह तय होगा कि किस परिस्थिति में, किस अधिकारी को, कौन-सी एजेंसी को फुटेज उपलब्ध कराया जा सकता है और किसे नहीं। यह नीति विधानसभा के आगामी सत्र से पहले लागू किए जाने का लक्ष्य रखा गया है।
सरकारी कैमरों के रखरखाव हेतु निधि की व्यवस्था
गृह राज्य मंत्री ने बताया कि मुख्यमंत्री फडणवीस ने यह भी निर्देश दिए हैं कि सरकारी प्रतिष्ठानों में लगे सीसीटीवी कैमरों के रखरखाव और मरम्मत के लिए जिला नियोजन समिति के माध्यम से वित्तीय सहायता प्रदान की जाए। इससे न केवल सुरक्षा व्यवस्था बेहतर होगी, बल्कि पहले से लगे कैमरों की कार्यशीलता सुनिश्चित की जा सकेगी।
आपदा प्रबंधन और गृह विभाग को प्राथमिकता
डॉ. भोयर ने कहा कि राज्य में सुरक्षा और आपात परिस्थितियों की दृष्टि से विशेष रूप से गृह विभाग और आपदा प्रबंधन विभाग को इन कैमरों की अधिक आवश्यकता महसूस हो रही है। इन विभागों द्वारा मुख्य चौक-चौराहों, भीड़भाड़ वाले क्षेत्रों, प्रशासनिक भवनों, रेलवे स्टेशनों और बस टर्मिनलों जैसी महत्वपूर्ण जगहों पर कैमरे लगाए गए हैं।
नियंत्रित उपयोग और जवाबदेही सुनिश्चित करने की दिशा में कदम
राज्य सरकार का उद्देश्य सीसीटीवी कैमरों के उपयोग को नियंत्रित, जवाबदेह और पारदर्शी बनाना है, ताकि सुरक्षा सुनिश्चित हो सके और गोपनीयता का उल्लंघन न हो। आगामी नीति में यह भी निर्धारित किया जाएगा कि डेटा की संग्रहण अवधि, प्रवेशाधिकार, और फुटेज साझा करने की प्रक्रिया क्या होगी।