
लातूर। महाराष्ट्र के लातूर जिले में 14 दिसंबर को सामने आई एक सनसनीखेज घटना ने पुलिस जांच के साथ-साथ पूरे इलाके को हिला दिया, जब एक जली हुई कार से बरामद शव को पहले लापता प्राइवेट बैंक रिकवरी एजेंट की मौत माना गया, लेकिन जांच आगे बढ़ने पर खुलासा हुआ कि कथित मृत व्यक्ति गणेश चव्हाण जिंदा है और वही इस जघन्य अपराध का मास्टरमाइंड निकला। पुलिस जांच में सामने आया कि गणेश ने 1 करोड़ रुपये की टर्म इंश्योरेंस पॉलिसी की रकम हड़पने के लालच में अपनी मौत का नाटक रचने के लिए गोविंद यादव नामक एक मासूम व्यक्ति की बेरहमी से हत्या की। जांच के अनुसार, गणेश ने औसा के याकूतपुर रोड पर गोविंद को लिफ्ट दी और वनवाडा पाटी के पास उसे ड्राइवर सीट पर बैठाकर सीट बेल्ट लगाई, फिर कार में आग लगा दी; नशे में होने के कारण गोविंद बच नहीं सका। घटना के बाद गणेश सिंधुदुर्ग फरार हो गया और अपने परिवार को भी अंधेरे में रखकर उन्हें अपनी मौत का यकीन दिलाता रहा। मामला तब पलटा जब पुलिस ने उसकी गर्लफ्रेंड से हुई संदिग्ध चैट ट्रैक की, जिससे पता चला कि वह एक नए नंबर से संपर्क में था। तकनीकी और मानवीय खुफिया जांच के जरिए पुलिस ने कोल्हापुर से सिंधुदुर्ग होते हुए विजयदुर्ग में गणेश को जिंदा पकड़ लिया। पूछताछ में उसने कबूल किया कि फ्लैट का लोन चुकाने और बीमा क्लेम हासिल करने के लिए उसने यह पूरी साजिश रची थी, यहां तक कि जांच को गुमराह करने के लिए अपनी मेटल ब्रेसलेट भी शव के पास रखी थी। लातूर के पुलिस अधीक्षक अमोल तांबे ने बताया कि पहले इसे एक्सीडेंटल डेथ माना गया था, लेकिन संदेह के आधार पर गहन जांच की गई और 24 घंटे के भीतर इस नकली मौत का पर्दाफाश कर आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस ने अब गणेश चव्हाण के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया है, डीएनए जांच से मृतक की पहचान की प्रक्रिया जारी है और यह पता लगाया जा रहा है कि इस साजिश में किसी और की भूमिका तो नहीं थी।



