Tuesday, October 14, 2025
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भोसरी में ऑनर किलिंग का सनसनीखेज खुलासा, लापता युवक की हत्या कर जलाया गया शव

पुणे। एमआईडीसी भोसरी पुलिस ने एक लापता युवक के मामले की जांच के दौरान ऑनर किलिंग का दिल दहला देने वाला खुलासा किया है। जांच में सामने आया कि 25 वर्षीय युवक की हत्या उसकी पत्नी के परिवारवालों ने केवल इसलिए कर दी क्योंकि उसने अंतरधार्मिक विवाह किया था। पुलिस ने मामले का पर्दाफाश करते हुए आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस के अनुसार, अहिल्यानगर जिले के पारनेर तालुका का रहने वाला यह युवक अपने ही पड़ोस की एक लड़की से प्रेम करता था। दोनों ने परिवार की मर्जी के खिलाफ जाकर अंतरधार्मिक विवाह किया और मोशी (भोसरी एमआईडीसी क्षेत्र) में बस गए। युवक एक निजी वाहन चालक के रूप में काम करता था। 15 जून 2024 को उसकी पत्नी ने एमआईडीसी भोसरी पुलिस स्टेशन में उसके लापता होने की रिपोर्ट दर्ज कराई थी। कई दिनों तक कोई सुराग न मिलने पर पत्नी दोबारा पुलिस के पास पहुँची। वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक गणेश जामदार ने मामले की गंभीरता को देखते हुए जांच को आगे बढ़ाया और तकनीकी विश्लेषण से पता लगाया कि युवक का फोन आखिरी बार चाकन इलाके में एक्टिव था। जांच में सामने आया कि युवती के परिवार को उसकी इस शादी से गहरा विरोध था। पुलिस ने युवती के भाई और उसके दोस्तों की लोकेशन ट्रेस की और उन्हें हिरासत में लिया। पूछताछ में उन्होंने हत्या की बात कबूल कर ली। आरोपियों ने बताया कि उन्होंने युवक को शराब पिलाने के बहाने बुलाया, उसका अपहरण किया, गला घोंटकर हत्या की और अलंदी-चाकन रोड पर एक सुनसान इलाके में शव को जलाकर सबूत मिटाने की कोशिश की। बाद में राख और हड्डियों के अवशेष थैलों में भरकर नदियों में फेंक दिए। पुलिस टीम ने घटनास्थल से जली हुई हड्डियाँ, राख और एक डायरी बरामद की, जिसमें कुछ युवतियों के मोबाइल नंबर थे। डीएनए परीक्षण से पुष्टि हुई कि बरामद अवशेष उसी लापता युवक के हैं। इस जांच अभियान का नेतृत्व पुलिस आयुक्त डॉ. शिवाजी पवार, सहायक आयुक्त सचिन हीरे और वरिष्ठ निरीक्षक गणेश जामदार ने किया। जांच दल में उप-निरीक्षक राजेंद्र पानसरे, अधिकारी चंद्रकांत गवारी, प्रवीण मुलुक, नितिन खेसे, विशाल काले, आनंद जाधव और अक्षय क्षीरसागर शामिल थे, जिन्होंने अहिल्यानगर जाकर आरोपियों को गिरफ्तार किया। यह घटना न केवल समाज में व्याप्त धार्मिक असहिष्णुता का उदाहरण है, बल्कि यह भी दिखाती है कि किस तरह तथाकथित “इज्जत” के नाम पर निर्दोषों की जान ले ली जाती है। पुलिस ने इसे एक योजनाबद्ध और निर्मम हत्या करार दिया है और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की तैयारी की जा रही है।

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