
श्रद्धालुओं की सुरक्षा के लिए एआई आधारित एकीकृत सुरक्षा प्रणाली लागू करने के निर्देश
मुंबई। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को कहा कि महाराष्ट्र के ज्योतिर्लिंग स्थलों पर वर्षभर भारी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं, इसलिए श्री क्षेत्र भीमाशंकर, श्री क्षेत्र औंढा नागनाथ और श्री क्षेत्र घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग के लिए विस्तृत और समग्र विकास आराखड़ा तैयार किया जाए। उन्होंने निर्देश दिए कि मंदिर परिसरों में चल रहे कार्यों को तेजी से पूरा किया जाए और नई परियोजनाओं की सुविचारित योजना बनाई जाए ताकि श्रद्धालुओं को उच्चस्तरीय सुविधाएँ उपलब्ध कराई जा सकें। मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में ‘वर्षा’ निवास पर आयोजित बैठक में पुणे, हिंगोली और छत्रपति संभाजीनगर जिलों के ज्योतिर्लिंग स्थलों के विकास आराखड़ों की प्रस्तुति दी गई। बैठक में मुख्य सचिव राजेश कुमार, अपर मुख्य सचिव विकास खारगे, व्ही. राधा, ओ.पी. गुप्ता, असीमकुमार गुप्ता, वेणुगोपाल रेड्डी और राजेश अग्रवाल सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। फडणवीस ने कहा कि वर्तमान और भविष्य में बढ़ती श्रद्धालु संख्या को ध्यान में रखते हुए दर्शन व्यवस्था, यात्रा प्रबंधन और उत्सव काल का नियोजन किया जाए। उन्होंने मंदिर परिसरों में प्रतीक्षा कक्ष, पेयजल, आवास व्यवस्था, स्वच्छता, सूचना फलक, पर्यटक स्वागत केंद्र, पार्किंग प्रबंधन, स्वास्थ्य सेवाएँ, उपहारगृह और टिकट काउंटर जैसी सुविधाएँ विकसित करने पर बल दिया।
मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रद्धालुओं की सुरक्षा सर्वोच्च प्राथमिकता होनी चाहिए। एआई और अत्याधुनिक तकनीक की मदद से एकीकृत सुरक्षा प्रणाली तैयार की जाए, जिससे आपात स्थिति में तुरंत सहायता उपलब्ध हो सके। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि मंदिर प्रबंधन व्यवस्था के लिए सख्त और पारदर्शी नियम लागू किए जाएँ। बैठक में पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ स्थानीय नागरिकों की सहभागिता और पर्यावरण संरक्षण पर भी विशेष जोर दिया गया। मुख्यमंत्री ने कहा कि पर्यटन विभाग को प्रस्तावित कार्यों को तेजी से पूरा करना चाहिए ताकि रोजगार सृजन के साथ-साथ धार्मिक पर्यटन को नया आयाम मिल सके। फडणवीस ने बताया कि उच्चस्तरीय समिति की मंजूरी के बाद विकास योजनाओं को आवश्यक निधि प्राप्त होगी। पुरातत्व से संबंधित स्वीकृतियों के लिए केंद्र सरकार के अधिकारियों के साथ अलग बैठक आयोजित की जाएगी। बैठक में विभिन्न विभागों ने अपने-अपने प्रस्तुतिकरण दिए- व्ही. राधा ने श्री क्षेत्र भीमाशंकर तीर्थक्षेत्र और कुंभमेळा 2027 की योजना प्रस्तुत की, ऋचा बागला ने श्री क्षेत्र औंढा नागनाथ का विकास आराखड़ा बताया, जबकि वेणुगोपाल रेड्डी ने श्री क्षेत्र घृष्णेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर के लिए प्रस्तावित योजना रखी। इस अवसर पर प्रमुख सचिव सौरभ विजय, एकनाथ दवले, डॉ. के. एच. गोविंदराज, सुवर्णा केवले, अश्विनी भिडे, डॉ. श्रीकर परदेशी, संजय खंदारे, वीरेंद्र सिंह, आबासाहेब नागरगोजे, अप्पासाहेब धुलाज सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। नाशिक के आयुक्त प्रवीण गेडाम, पुणे के डॉ. चंद्रकांत पुलकंडवार और छत्रपति संभाजीनगर के जितेंद्र पापलकर ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बैठक में भाग लिया।




