
दौसा:(Dausa) गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के अध्यक्ष विजय बैंसला ने कहा कि प्रदेश की 200 विधानसभाओं में से 86 विधानसभा व 12 लोकसभा क्षेत्रों में एमबीसी समाज निर्णायक भूमिका में है। इन सभी क्षेत्रों में 28 से लेकर 78 हजार तक एमबीसी वोट हैं। ऐसे में हमें टिकट वितरण में भागीदारी मिलनी चाहिए। राजनीतिक पार्टियों को हमें हमारे राजनीतिक बाहुबल के हिसाब से प्रतिनिधित्व दिया जाना चाहिए। लोकसभा का महज एक टिकट देकर साइडलाइन ना करें, बल्कि हमें पर्याप्त प्रतिनिधित्व देना होगा। बैंसला ने सोमवार को दौसा जिले के पीपलखेड़ा गांव में गुर्जर आंदोलन की बरसी पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा के बाद मीडिया से यह बात कही।
उन्होंने कहा समाज के लोग आंदोलन के दौरान हुई शहादत को ध्यान में रखते हुए अपने मिशन पर कायम रहें। हर क्षेत्र में कंपटीशन बढ़ रहा है, ऐसे में मन लगाकर पढ़ाई करें व नशे से दूर रहें। उन्होंंने कहा आरक्षण की वजह से जिन लोगों की नौकरियां लग चुकी हैं वे समाज के अन्य युवाओं का हाथ पकड़कर उन्हें ऊपर उठाने का काम करें। बैंसला ने कहा मैं राज्य सरकार से मांग करता हूं कि पिछले दिनों में हुए समझौतों की पालना सुनिश्चित करें, अन्यथा एमबीसी समाज चुप बैठने वाला नहीं है। हमारी मांग पर सरकार को गंभीर होना चाहिए।
पीपलखेड़ा गांव में आरक्षण की मांग को लेकर 2007 में पहली बार हुए गुर्जर आंदोलन की बरसी पर आयोजित श्रद्धांजलि सभा में आरक्षण संघर्ष समिति के संयोजक विजय बैंसला, पूर्व जिला प्रमुख अजीत सिंह महुवा, भूरा भगत, बंटी पावटा, सरपंच प्रतिनिधि धर्मेंद्र पोषवाल, भाजपा राष्ट्रीय परिषद सदस्य टीकम सिंह एडवोकेट, महावीर रलावता, दयाराम खटाना, देवराज चाड़, राजाराम पीटीआई, राजेंद्र पीपलखेड़ा समेत बड़ी संख्या में समाज के लोगों ने दो मिनट का मौन रखकर पुष्पांजलि अर्पित की। इस दौरान पुलिस प्रशासन भी अलर्ट रहा।