
नासिक। श्रद्धा, पवित्रता और आध्यात्मिकता का प्रतीक माने जाने वाले सिंहस्थ कुंभमेला का आयोजन नासिक-त्र्यंबकेश्वर में वर्ष 2027 में किया जाएगा। इस मौके पर नासिक त्र्यंबकेश्वर कुंभमेला विकास प्राधिकरण ने लोगो डिज़ाइन प्रतियोगिता का आयोजन किया है। प्रतियोगिता में भाग लेने के लिए अब केवल दस दिन शेष हैं, इसलिए प्राधिकरण ने अधिक से अधिक नागरिकों से 20 दिसंबर 2025 तक अपनी प्रविष्टियाँ भेजने का आग्रह किया है। प्रतियोगिता के विजेताओं को प्रथम, द्वितीय और तृतीय क्रमांक के लिए क्रमशः तीन लाख, दो लाख और एक लाख रुपये की पुरस्कार राशि के साथ प्रमाणपत्र प्रदान किए जाएंगे। यह जानकारी विभागीय आयुक्त एवं कुंभमेला प्राधिकरण के अध्यक्ष डॉ. प्रवीण गेडाम ने दी।
सिंहस्थ कुंभमेला – विश्व का अद्वितीय आध्यात्मिक उत्सव
सिंहस्थ कुंभमेला दुनिया के सबसे बड़े आध्यात्मिक समारोहों में से एक है और इसे हर बारह वर्षों में गोदावरी नदी के तट पर आयोजित किया जाता है। यह पर्व अमृत मंथन की पौराणिक कथा से जुड़ा है और श्रद्धा, पवित्रता तथा सृजन के शाश्वत चक्र का प्रतीक माना जाता है। कुंभमेले में बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक त्र्यंबकेश्वर मंदिर, नासिक की सांस्कृतिक समृद्धि, घाटों और मंदिरों की ऐतिहासिक एवं आध्यात्मिक छटा दिखाई देती है। नासिक के रामायण से जुड़े स्थलों, घाटों की भव्यता और त्र्यंबकेश्वर में गोदावरी नदी के प्रवाह ने दोनों नगरों को एक सूत्र में पिरोया है। कुंभमेला अब वैश्विक स्तर पर मान्यता प्राप्त आध्यात्मिक उत्सव बन गया है और 21वीं सदी की आधुनिक आकांक्षाओं का प्रतिबिंब भी प्रस्तुत करता है। इस लोगो प्रतियोगिता के माध्यम से नए लोगो को तैयार किया जाएगा, जो पिछले संस्करणों की विरासत को ध्यान में रखते हुए भक्ति और एकता की कालातीत भावना को आधुनिक एवं संदर्भात्मक रूप में प्रस्तुत करेगा। यह लोगो भारत और विश्वभर के दर्शकों को आकर्षित करेगा और नासिक-त्र्यंबकेश्वर की सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, धार्मिक और प्राकृतिक प्रेरणाओं को समाहित करेगा।




