
नागपुर। मुंबई और आसपास के क्षेत्रों में तेजी से बढ़ रही वाहनसंख्या को देखते हुए ट्रैफिक मैनेजमेंट को और अधिक प्रभावी बनाने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को विधान परिषद में घोषणा की कि यातायात नियोजन तथा ई-चालान प्रणाली को आधुनिक बनाने के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की अध्यक्षता में एक विशेष अध्ययन समूह गठित किया जाएगा। यह समूह देश–विदेश में अपनाई गई सफल यातायात व्यवस्थाओं का अध्ययन कर महाराष्ट्र में उपयोगी मॉडल तैयार करेगा। यह मुद्दा तब उठा जब सदस्य सुनील शिंदे ने सवाल किया कि कुछ यातायात हवालदार निजी मोबाइल फोन से फोटो लेकर ई-चालान जारी कर रहे हैं। जवाब में राज्यमंत्री योगेश कदम ने बताया कि हवालदारों के लिए कैमरे उपलब्ध कराने पर विचार किया जा रहा है और निजी फोन के उपयोग पर रोक का निर्देश पहले ही जारी किया जा चुका है। चंद्रपुर में ऐसे ही एक मामले में अनुशासनात्मक कार्रवाई भी की गई है। चर्चा के दौरान सदस्य प्रसाद लाड, सतेज पाटील, भाई जगताप, एड. अनिल परब और मनीषा कायंदे ने भी अपने विचार रखे। मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि मुंबई के विकास नियंत्रण नियम (डीसीआर) में दोपहिया वाहनों को पर्याप्त महत्व नहीं दिया गया है, इसलिए इन नियमों में संशोधन की संभावना की जांच की जाएगी। उन्होंने कहा कि चालक को ई-चालान का संदेश तुरंत मिल सके, इसके लिए ई-चालान प्रणाली को पूरी तरह उन्नत किया जाएगा। उन्होंने आगे बताया कि लंबे समय से लंबित यातायात दंड की वसूली मुश्किल हो जाने के कारण लोक अदालत के माध्यम से अमनेस्टी योजना लागू की जाएगी, जिसमें 50 प्रतिशत दंड पर वसूली की जाएगी। भविष्य में यातायात दंड का भुगतान फास्टैग से जोड़ने की संभावना भी परखी जाएगी। फडणवीस ने बताया कि मुंबई के झोपड़पट्टी क्षेत्रों में पार्किंग की व्यवस्था न होने के कारण वाहन सड़कों पर खड़े किए जाते हैं, जिससे यातायात व्यवस्था प्रभावित होती है। इसे भी नीति निर्धारण में शामिल किया जाएगा। सरकार का यह कदम महानगरीय क्षेत्रों में बढ़ते यातायात दबाव को कम करने और ई-चालान प्रक्रिया को पारदर्शी व टेक्नोलॉजी-ड्रिवन बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण माना जा रहा है।




