
मुंबई। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा दक्षिण मुंबई के चर्चगेट इलाके में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नए महाराष्ट्र राज्य मुख्यालय का शिलान्यास करने से ठीक पहले शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने दावा किया कि जिस जमीन पर नया मुख्यालय बनाया जा रहा है, उसके आवंटन और ट्रांसफर में बड़े स्तर पर अनियमितताएं हुई हैं।राउत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर सीधे अमित शाह को संबोधित करते हुए लिखा कि वह उस जमीन से जुड़े “छिपे राज़” सामने ला रहे हैं। उन्होंने इस संदर्भ में शाह को एक विस्तृत पत्र भी भेजा है। राउत के अनुसार- विवादित जमीन पहले महाराष्ट्र राज्य सहकारी वित्त निगम (MSCFC) की थी। इस जमीन का 46 प्रतिशत हिस्सा एकनाथ रियल्टर्स को लीज पर दिया गया था। रियल्टर ने 54 प्रतिशत अतिरिक्त जमीन के लिए आवेदन किया, जिसे असामान्य तेजी से मंजूरी मिल गई।
बृहन्मुंबई महानगरपालिका (बीएमसी) ने 11 दिनों के भीतर प्रॉपर्टी ट्रांसफर पूरा किया। ट्रांसफर प्रीमियम के तौर पर 21 करोड़ रुपये से अधिक का भुगतान किया गया। बीजेपी की ओर से लगभग 3 करोड़ रुपये की स्टाम्प ड्यूटी अदा की गई।
राउत का आरोप है कि कई प्रशासनिक अधिकारी “राजनीतिक दबाव” में काम कर रहे थे और आधी रात को भी कुछ दस्तावेजों की प्रक्रिया पूरी की गई। राउत ने सवाल उठाया कि जहां नागरिकों से जुड़ी विकास योजनाओं की फाइलें महीनों रुकी रहती हैं, वहीं इस जमीन सौदे को इतनी प्राथमिकता क्यों दी गई। उन्होंने कहा कि यह प्रक्रिया लोकतांत्रिक प्रशासनिक मूल्यों के विपरीत है। राउत ने अमित शाह से इस पूरे मामले की जांच करने और कथित अनियमितताओं पर कार्रवाई सुनिश्चित करने की मांग की है। उनका कहना है कि यह घटना पारदर्शिता, निष्पक्षता और कानून के पालन को लेकर गंभीर प्रश्न खड़े करती है।




