
सतारा। सतारा जिले के फलटण में महिला डॉक्टर की आत्महत्या मामले में गिरफ्तार संदिग्ध आरोपी पीएसआई गोपाल बदने को शनिवार को फलटण कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट ने आरोपी को पांच दिनों की पुलिस हिरासत में भेजने का आदेश दिया है। ज्वाइंट सिविल जज ए.एस.सातोटे ने यह निर्णय दिया।
पुलिस की 7 दिन की हिरासत मांग, बचाव पक्ष ने किया विरोध
पुलिस ने कोर्ट से आरोपी की सात दिन की पुलिस रिमांड की मांग की थी। हालांकि आरोपी के वकील एडवोकेट राहुल धायगुडे ने दलील दी कि उनके मुवक्किल को झूठे आरोपों में फंसाया जा रहा है और वह इस घटना के लिए जिम्मेदार नहीं हैं। पीड़ित पक्ष की ओर से सुचिता वायकर-बाबर ने विरोध जताते हुए कहा कि मरने वाला कभी झूठ नहीं बोलता। उन्होंने कोर्ट से आरोपी के मेडिकल परीक्षण, मोबाइल फोन व वाहन की जांच और घटनास्थल की विस्तृत छानबीन की मांग करते हुए सात दिन की पुलिस कस्टडी की मांग का समर्थन किया। बहस सुनने के बाद अदालत ने पांच दिन की पुलिस हिरासत मंजूर कर ली।
मामले का पूरा घटनाक्रम
फलटण की एक महिला डॉक्टर ने हाल में होटल के एक कमरे में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। प्रारंभिक जांच में पता चला कि पीड़िता सतारा जिले के बीड निवासी थी और वह फलटण तालुका के एक सरकारी अस्पताल में तैनात थी।
जानकारी के अनुसार, युवती कुछ समय से प्रशांत बनकर के घर की ऊपर की मंजिल पर किराये से रह रही थी। विवाद के बाद युवती को वहां रहने से रोका गया, जिसके बाद उसने लॉज में शिफ्ट होकर आत्महत्या जैसा गंभीर कदम उठाया। युवती के सुसाइड नोट में पीएसआई गोपाल बदने और प्रशांत बनकर का नाम दर्ज है। सुसाइड नोट में पीड़िता ने आरोप लगाया कि बदने ने उसे आत्महत्या से पहले चार बार प्रताड़ित किया था। इसी आधार पर पुलिस ने आरोपी बदने को गिरफ्तार कर अदालत में पेश किया। पुलिस अब आरोपी के डिजिटल और अन्य सबूतों की जांच करेगी। प्रशांत बनकर की भूमिका की जांच भी तेज कर दी गई है। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए जांच टीम इसे प्राथमिकता के साथ आगे बढ़ा रही है।




