
मुंबई। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बुधवार को कहा कि महाराष्ट्र ‘ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस’ नीति के ज़रिए निवेशकों की समस्याओं का समाधान करने और राज्य में उद्योगों के लिए अनुकूल माहौल बनाने की दिशा में लगातार काम कर रहा है। उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र आज देश का सबसे उद्योग-अनुकूल राज्य बन गया है, जहाँ संचार, शिक्षा, वित्त और तकनीक के क्षेत्र में उत्कृष्ट सुविधाएँ उपलब्ध हैं। मुख्यमंत्री फडणवीस ने मुंबई के ताज पैलेस होटल में ब्रिटिश प्रतिनिधिमंडल से मुलाकात की और राज्य में निवेश के माहौल, बुनियादी ढाँचे तथा भविष्य की विकास योजनाओं पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि जिस तरह लंदन ब्रिटेन की पहचान है, उसी तरह मुंबई महाराष्ट्र की पहचान है और महाराष्ट्र भारत की पहचान है। उन्होंने बताया कि ‘ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस’ नीति से उद्योगों को लाइसेंस प्राप्त करने की प्रक्रिया सरल हुई है, साथ ही निवेशकों की शिकायतों के समाधान के लिए एक ‘वॉर रूम’ स्थापित किया गया है, जिसकी हर महीने समीक्षा की जाती है। राज्य में उद्योग, वित्त, शिक्षा, शहरी विकास और प्रौद्योगिकी सहित सभी क्षेत्रों में निवेश के अपार अवसर हैं। मुख्यमंत्री ने बताया कि नई शिक्षा नीति के तहत विदेशी विश्वविद्यालयों को भारत में प्रवेश की अनुमति दी गई है। नवी मुंबई में ‘एजु सिटी’ के निर्माण की योजना है, जिसमें लंदन विश्वविद्यालय का परिसर स्थापित होगा और दो हज़ार छात्रों को शिक्षा दी जाएगी। साथ ही नवी मुंबई हवाई अड्डा, सी लिंक और ‘तीसरी मुंबई’ जैसी परियोजनाएँ राज्य में आधुनिक शहरी विकास को दिशा दे रही हैं। उन्होंने कहा कि वधान बंदरगाह, बुलेट ट्रेन स्टेशन और हरित औद्योगिक क्षेत्र के विकास के माध्यम से ‘चौथी मुंबई’ का निर्माण किया जा रहा है। छत्रपति संभाजीनगर ईवी हब बन रहा है, नागपुर सौर मॉड्यूल निर्माण केंद्र और पुणे उद्योगों का प्रमुख केंद्र बन चुका है। महाराष्ट्र स्टार्टअप्स और निवेश के क्षेत्र में देश में अग्रणी है। फडणवीस ने कहा कि डिजिटल लेन-देन को आम नागरिकों ने अपनाया है और आज भारत दुनिया में सबसे अधिक डिजिटल ट्रांजैक्शन करने वाला देश है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2030 तक 50 प्रतिशत नवीकरणीय ऊर्जा के लक्ष्य का उल्लेख करते हुए कहा कि महाराष्ट्र सौर ऊर्जा, डेटा सेंटर, एआई और क्वांटम तकनीक को बढ़ावा देने के लिए तेजी से कार्य कर रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि कौशल विश्वविद्यालयों के माध्यम से अंतरराष्ट्रीय साझेदारों के साथ विशेषज्ञ तैयार किए जा रहे हैं, और मुंबई फिनटेक व वित्तीय कंपनियों का गढ़ बन चुकी है। उन्होंने यह भी बताया कि ब्रिटेन और भारत के बीच साझेदारी को और मजबूत करने के प्रयास जारी हैं। ब्रिटिश प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने महाराष्ट्र में औद्योगिक विकास और निवेश की संभावनाओं पर संतोष व्यक्त किया तथा एआई और तकनीकी क्षेत्र में निवेश की इच्छा जताई। उन्होंने राज्य में चल रहे विकास कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि वे महाराष्ट्र में दीर्घकालिक निवेश को लेकर उत्साहित हैं।




