
मुंबई। भारत सरकार के आरोग्य एवं परिवार कल्याण विभाग के निर्देशों के बाद महाराष्ट्र खाद्य एवं औषध प्रशासन (एफडीए) ने राज्यभर में सभी औषधि विक्रेताओं को सख्त आदेश जारी किए हैं कि अब से खाँसी की सिरप सहित बच्चों को दी जाने वाली किसी भी सिरप की बिक्री डॉक्टर की पर्ची (प्रिस्क्रिप्शन) के बिना नहीं की जा सकेगी। एफडीए के औषध नियंत्रक दा. रा. गहाने द्वारा मंगलवार को जारी परिपत्र के अनुसार, यह कदम हाल ही में मध्यप्रदेश और राजस्थान में कोल्ड्रिफ सिरप के सेवन के बाद हुई बच्चों की मौत की घटनाओं के मद्देनज़र उठाया गया है। केंद्र सरकार ने इस संदर्भ में 3 अक्टूबर 2025 को खाँसी की सिरप के तर्कसंगत उपयोग पर परामर्श (Advisory) जारी की थी। गहाने ने स्पष्ट किया कि औषधि एवं सौंदर्य प्रसाधन नियम, 1945 के तहत अनुसूची-एच1 और अनुसूची-एक्स की श्रेणी में आने वाली दवाइयों की बिक्री केवल डॉक्टर के वैध प्रिस्क्रिप्शन पर ही की जा सकती है। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि कोई मेडिकल स्टोर इन आदेशों का उल्लंघन करता पाया गया, तो उसके खिलाफ कठोर दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी। एफडीए ने राज्य के नागरिकों से अपील की है कि वे बिना डॉक्टर की सलाह के बच्चों को कोई भी सिरप या दवा न दें, क्योंकि इससे स्वास्थ्य पर गंभीर दुष्प्रभाव हो सकते हैं। साथ ही, नागरिकों को यह भी निर्देश दिया गया है कि यदि किसी मेडिकल स्टोर पर बिना पर्ची के दवाइयाँ बेची जा रही हों, तो इसकी शिकायत स्थानीय एफडीए अधिकारी को तुरंत करें।