
मुंबई। राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है कि समग्र युवा नीति का निर्माण राज्यभर के युवाओं की सक्रिय भागीदारी से किया जाएगा। इसी संदर्भ में खेल एवं युवा कल्याण मंत्री एडवोकेट माणिकराव कोकाटे ने निर्देश दिया कि नीति के निर्माण में सामाजिक, शैक्षणिक, सांस्कृतिक और कौशल विकास जैसे सभी पहलुओं पर विचार करते हुए युवाओं से व्यापक सुझाव लिए जाएँ। मंत्रालय में गुरुवार को आयोजित समिति की समीक्षा बैठक में मंत्री कोकाटे ने स्पष्ट किया कि युवा नीति में विशेष प्रावधान किए जाएँगे ताकि युवा शिक्षा, रोजगार, सामाजिक और बौद्धिक गतिविधियों में अधिक सक्रिय बने रहें। बैठक में विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनिल दिग्गीकर, आयुक्त शीतल तेली-उगले, पद्मश्री कांति शाह, विधायक सत्यजीत तांबे, प्रवीण दटके, आशुतोष काले, डॉ. बाबासाहेब देशमुख, राजेश पवार, संतोष दानवे, अमित गोरखे, अभिजीत पाटिल, रोहित पाटिल, मॉडर्न कॉलेज की प्राचार्य प्रो. डॉ.निवेदिता एकबोटे सहित विभिन्न राष्ट्रीय और राज्य युवा पुरस्कार विजेता और युवा संगठनों के प्रतिनिधि उपस्थित थे। मंत्री कोकाटे ने कहा कि नीति का लाभ समाज के अंतिम वर्ग तक पहुँचना चाहिए। ग्रामीण क्षेत्रों के युवाओं को मंच उपलब्ध कराने के लिए विशेष पहलें की जानी आवश्यक हैं। साथ ही, महिला एवं बाल विकास, सांस्कृतिक कार्य और कौशल विकास विभाग के समन्वय से युवाओं के लिए नई योजनाओं को लागू करने पर बल दिया जाएगा। नीति निर्माण प्रक्रिया में सभी युवाओं की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए प्रतिस्पर्धी पहल लागू करने की आवश्यकता है। इसके साथ ही युवाओं का शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक स्वास्थ्य, मानसिक कल्याण, व्यसन उन्मूलन, शिक्षा, रोजगार, आजीविका, कृत्रिम बुद्धिमत्ता (एआई), साइबर अपराध की रोकथाम और डिजिटल प्रौद्योगिकी जैसे महत्वपूर्ण पहलू नई युवा नीति में शामिल किए जाएँगे।