
मुंबई। गढ़चिरौली जैसे पिछड़े और आदिवासी जिलों में नेत्र स्वास्थ्य के प्रति जागरूकता बढ़ाने, गुणवत्तापूर्ण एवं किफायती नेत्र देखभाल सेवाओं का विस्तार करने और उपचार उपलब्ध कराने के लिए राज्य सरकार ने ठोस कदम उठाया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) के सहयोग से राज्य लोक स्वास्थ्य विभाग द्वारा संचालित ‘स्पेक्स 2030’ (SPECS 2030) परियोजना बच्चों को बेहतर शिक्षा, युवाओं को रोजगार के अवसर और समुदाय के जीवन स्तर में सुधार लाने में सहायक होगी। मुख्यमंत्री ने गढ़चिरौली जिले में इस पहल को लागू करने का आह्वान किया और कहा कि इससे अहेरी तालुका नेत्र स्वास्थ्य सेवाओं के लिए एक राष्ट्रीय मॉडल बन जाएगा। ‘स्पेक्स 2030 वन साइट प्रोग्राम’ के तहत राज्य स्वास्थ्य विभाग, वनसाइट-लक्सोटिका फाउंडेशन और WHO मिलकर गढ़चिरौली सहित असम (धुबरी), ओडिशा (कालाहांडी), राजस्थान (अलवर) और उत्तर प्रदेश (प्रयागराज) के वंचित जिलों में परिचालन शुरू करेगा। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय अंधत्व एवं दृष्टिबाधितता नियंत्रण कार्यक्रम (NPCBVI) के ढांचे में संचालित होगा। वर्तमान में विश्वभर में 2.2 अरब लोग दृष्टि विकारों से पीड़ित हैं और कम से कम 1 अरब मामलों को रोका जा सकता है। भारत में लगभग 53 प्रतिशत दृष्टिबाधितता सुधार योग्य अपवर्तक त्रुटियों के कारण होती है, जो हर दस स्कूली बच्चों में से एक को प्रभावित करती है।
‘आशा किरण मॉडल’ के तहत आशा कार्यकर्ता घर-घर जाकर प्राथमिक नेत्र जांच करेंगी, स्वास्थ्य केंद्रों पर चश्मे वितरित करेंगी और सरकारी अस्पतालों में मोतियाबिंद के ऑपरेशन में सहयोग करेंगी। इसके साथ ही, स्थानीय स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं का प्रशिक्षण, सामुदायिक जागरूकता अभियान, स्कूल और ग्राम पंचायत स्तर पर स्वास्थ्य संवाद, स्थानीय संगठनों एवं मीडिया के माध्यम से व्यापक पहुंच, तथा कार्यक्रम की प्रभावशीलता का आकलन करने के लिए डेटा संग्रह भी शामिल होगा।