
मुंबई। महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री और शहरी विकास मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राज्य के शहरों के बुनियादी ढांचे के विकास को लेकर दीर्घकालिक और एकीकृत योजना की आवश्यकता पर जोर दिया। मंत्रालय में आयोजित एक उच्चस्तरीय बैठक में उन्होंने कहा कि शहरी क्षेत्रों के लिए बनाई जाने वाली योजनाएँ केवल वर्तमान जरूरतों को नहीं, बल्कि आने वाले 50 वर्षों की चुनौतियों और संभावनाओं को ध्यान में रखकर तैयार की जानी चाहिए।
बैठक में महाराष्ट्र शहरी बुनियादी ढांचा निधि (MUINFRA) के तहत तैयार किए गए नए वित्तीय ढांचे पर चर्चा हुई। फडणवीस ने कहा कि सीवेज, जल निकासी, ठोस अपशिष्ट प्रबंधन, जल आपूर्ति और परिवहन जैसी बुनियादी सुविधाओं की योजना को दीर्घकालिक दृष्टि से देखा जाना चाहिए। उन्होंने जोर दिया कि केवल धन उपलब्ध कराना पर्याप्त नहीं है, बल्कि संसाधनों का सुनियोजित नियोजन और प्रभावी उपयोग सुनिश्चित करना भी उतना ही महत्वपूर्ण है। उन्होंने निर्देश दिया कि जहाँ धन की कमी हो, वहाँ पूरक व्यवस्थाएँ कर परियोजनाओं को तेजी से क्रियान्वित किया जाए। स्थानीय निकायों को इन परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता उपलब्ध कराई जाएगी और निर्मित सुविधाओं की निगरानी पर विशेष ध्यान दिया जाएगा। फडणवीस ने कहा, शहरी विकास केवल इमारतों का निर्माण नहीं, बल्कि सामाजिक और आर्थिक समृद्धि का आधार तैयार करने की प्रक्रिया है। इसलिए प्रत्येक परियोजना में दूरगामी सोच और मजबूत वित्तीय संरचना अनिवार्य है।
बैठक में विश्व बैंक टास्क फोर्स के प्रमुख अबेद धवन, मित्र संस्था के सीईओ प्रवीण सिंह परदेशी, वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव ओ.पी. गुप्ता और शहरी विकास विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव असीम गुप्ता उपस्थित थे। MUINFRA के तहत बनाई गई नई निधि संरचना शहरों को दीर्घकालिक पूंजी उपलब्ध कराएगी। पूल बॉन्ड और ऋण वृद्धि के माध्यम से वाणिज्यिक बाजार से धन जुटाया जाएगा, जिससे शहरी बुनियादी ढांचा परियोजनाओं की वित्तीय योजना और भी सुदृढ़ व टिकाऊ बनेगी।