
चेन्नई। विपक्षी इंडिया गठबंधन के उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार एवं सुप्रीम कोर्ट के पूर्व न्यायाधीश सुदर्शन रेड्डी ने रविवार को चेन्नई में आयोजित एक बैठक को संबोधित करते हुए तमिलनाडु की प्रगतिशील नीतियों और विकास मॉडल की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि तमिलनाडु स्वास्थ्य, शिक्षा और सामाजिक-आर्थिक नीतियों के क्षेत्र में देश के लिए एक आदर्श राज्य के रूप में उभरा है। रेड्डी ने कहा, तमिलनाडु ने असाधारण कल्पनाशीलता, दूरदर्शिता और मानव विकास के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभाई है। न्यायमूर्ति रेड्डी ने कहा कि उन्होंने 52 वर्षों तक संविधान की रक्षा के लिए काम किया है और निर्वाचित होने पर इसे संरक्षित एवं संरक्षित रखने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराया। मुख्यमंत्री एम.के. स्टालिन और इंडिया गठबंधन के अन्य नेताओं के समर्थन के प्रति आभार व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि उन पर जताए गए विश्वास से वह अभिभूत हैं। उन्होंने कहा, मैं वादा करता हूं कि मैं संविधान या लोगों के विश्वास को टूटने नहीं दूंगा। रेड्डी ने संघवाद के महत्व पर जोर देते हुए सत्ता के केंद्रीकरण के बढ़ते प्रयासों को लेकर आगाह किया। उन्होंने जीएसटी के पुनर्गठन और ऐसी नीतियों की ओर संकेत किया, जो राज्यों की स्वायत्तता को कमजोर कर सकती हैं। रेड्डी ने चेताया, ऐसे प्रयास संघीय भावना को कमजोर कर सकते हैं और राज्यों को मात्र नगरपालिकाओं तक सीमित करने का खतरा उत्पन्न करते हैं। इससे न केवल संघवाद को बल्कि संविधान के मूल ढांचे को भी चुनौती मिलती है। भारत की ताकत उसकी विविधता और राज्यों की एकता में निहित है। अपने भाषण के समापन पर उन्होंने संवैधानिक मूल्यों और लोकतंत्र की रक्षा के प्रति अपनी आजीवन प्रतिबद्धता को दोहराया और कहा, मैं संविधान की रक्षा करता रहूंगा और उसके सिद्धांतों को कायम रखने के लिए प्रतिबद्ध हूं।