
श्रीनगर। जम्मू-कश्मीर के किश्तवाड़ जिले के चिशोती गांव में 14 अगस्त को हुई बादल फटने की घटना में अब तक 65 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 100 से अधिक लोग घायल हैं और 32 अभी भी लापता हैं। रविवार को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने जम्मू के सरकारी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती घायलों से मुलाकात की और उनके स्वास्थ्य पर संतोष व्यक्त किया। उनके साथ केंद्रीय मंत्री जितेंद्र सिंह और जम्मू-कश्मीर के उपराज्यपाल मनोज सिन्हा भी मौजूद थे।राजनाथ सिंह ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस घटना को लेकर बेहद चिंतित हैं और लगातार स्थिति की निगरानी कर रहे हैं। खराब मौसम और रास्ते में भूस्खलन के कारण रक्षा मंत्री प्रभावित क्षेत्र का दौरा नहीं कर सके, लेकिन उन्होंने आश्वस्त किया कि सरकार राहत और बचाव कार्यों को तेज गति से आगे बढ़ा रही है। अस्पताल से रवाना होते समय उन्होंने बताया कि वह राजभवन से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से पीड़ित परिवारों से संवाद करेंगे।
इस घटना के बाद किश्तवाड़ और आसपास के इलाकों में लगातार भारी बारिश ने हालात और बिगाड़ दिए हैं। जम्मू-पठानकोट राष्ट्रीय राजमार्ग पर एक महत्वपूर्ण पुल बह गया, जिससे यातायात प्रभावित हुआ। कठुआ जिले में लोगेट मोड़ के पास नाले के उफान से पुल का हिस्सा ढह गया, जबकि पड्डार उपमंडल और मचैल माता मंदिर के रास्तों पर बारिश से फिसलन और भूस्खलन की आशंका बढ़ गई है। मौसम विभाग ने 27 अगस्त तक मध्यम से तेज बारिश के साथ ऊंचाई वाले इलाकों में अचानक बाढ़, बादल फटने और भूस्खलन की चेतावनी दी है। स्थानीय प्रशासन ने लोगों को जल निकायों और भूस्खलन संभावित क्षेत्रों से दूर रहने की सलाह दी है। राहत एवं बचाव कार्य लगातार जारी हैं और घायलों का उपचार संतोषजनक बताया जा रहा है।