Tuesday, August 5, 2025
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मुंबई में ‘अभ्यासोनी प्रकटावे’ कार्यक्रम संपन्न: राजदत्त और वासुदेव कामत को किया गया सम्मानित

मुंबई। संस्कार भारती कोकण प्रांत द्वारा आयोजित कला संवाद ‘अभ्यासोनी प्रकटावे’ का भव्य आयोजन 3 अगस्त रविवार को रवींद्र नाट्यमंदिर में संपन्न हुआ। इस कार्यक्रम में सुप्रसिद्ध निर्देशक और संस्कार भारती के पूर्व अध्यक्ष राजदत्त तथा प्रसिद्ध चित्रकार वासुदेव कामत के कलाजीवन और योगदान को सम्मानित किया गया। मुख्य अतिथि के रूप में सुप्रसिद्ध गायिका उषा मंगेशकर उपस्थित रहीं। कार्यक्रम में महाराष्ट्र के सांस्कृतिक मंत्री अ‍ॅड. आशीष शेलार, संस्कार भारती के केंद्रीय संगठन मंत्री अभिजीत गोखले, कोकण प्रांत अध्यक्ष सुनील बर्वे और कार्याध्यक्ष मुकुंद मराठे समेत अनेक प्रतिष्ठित अतिथि मंच पर उपस्थित थे। आशीष शेलार ने राजदत्त को फिल्म निर्देशन के क्षेत्र में एक ‘जीवित किंवदंती’ बताया और वासुदेव कामत की चित्रशैली को भारतीय अध्यात्म और सौंदर्यबोध का संवाहक कहा। उन्होंने कहा कि यह कार्यक्रम डिजिटल युग में सांस्कृतिक मूल्यों से जोड़ने की प्रेरणा देता है। राजदत्त को वर्ष 2024 में पद्मभूषण और वासुदेव कामत को 2025 में पद्मश्री से सम्मानित किया गया। कार्यक्रम में उषा मंगेशकर के हाथों दोनों को मानपत्र भेंट किए गए। साथ ही मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और संस्कार भारती के अध्यक्ष मैसूर मंजुनाथ ने वीडियो संदेश के माध्यम से शुभकामनाएं दीं। उषा मंगेशकर ने राजदत्त की निर्देशन कला और वासुदेव कामत की विशिष्ट चित्रशैली की प्रशंसा करते हुए कहा कि इन कलाकारों का सम्मान करना स्वयं का सम्मान करने जैसा है। अभिजीत गोखले ने कहा कि यह समारोह केवल कृतज्ञता नहीं बल्कि संस्कार भारती की वैचारिक यात्रा का प्रतिबिंब है। कार्यक्रम के दूसरे सत्र में चतुरंग प्रतिष्ठान के विद्याधर निमकर ने दोनों विभूतियों के साथ चिंतनशील संवाद प्रस्तुत किया। इसमें उनके कला सफर, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से जुड़ाव, भारतीय संस्कृति के प्रति दृष्टिकोण, और संस्कार भारती में योगदान जैसे विषयों पर चर्चा हुई। कार्यक्रम का प्रारंभिक भाषण मुकुंद मराठे ने किया जबकि आभार प्रदर्शन सुनील बर्वे ने किया। मानपत्रों की रचना वरिष्ठ पत्रकार सुधीर जोगळेकर द्वारा की गई। संस्कार भारती संस्था पिछले 44 वर्षों से भारतीय कला, संस्कृति, सामाजिक समरसता, राष्ट्रप्रेम और पारंपरिक मूल्यों के संवर्धन के लिए कार्य कर रही है। आने वाले समय में संस्था संविधान के 75 वर्ष पूर्ण होने के उपलक्ष्य में भारतीय चित्रकला पर आधारित शैक्षणिक उपक्रम भी आयोजित करेगी।

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