
मुंबई। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने एक साइबर अपराध में कथित संलिप्तता के लिए दो और लोगों को गिरफ्तार किया है, जिसमें एक ही दिन में एक खच्चर खाते में 3.81 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त हुई थी, एजेंसी के अधिकारियों ने रविवार को यह जानकारी दी। गिरफ्तार आरोपियों में सुधीर पलांडे (खच्चर खाताधारक) और यश ठाकुर (बिचौलिया) शामिल हैं। इससे पहले 13 जुलाई को नागपुर से एक ऑपरेटर शौर्य सिंह को भी इस मामले में पकड़ा गया था। सीबीआई ने विशिष्ट खुफिया जानकारी के आधार पर अज्ञात साइबर अपराधियों, बैंक अधिकारियों और अन्य लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया है। एजेंसी की जांच में सामने आया कि इस रकम को असली साइबर ठगों तक पहुँचाने से पहले सैकड़ों खातों में ट्रांसफर कर छिपाने की कोशिश की गई थी। खाता खोलने की प्रक्रिया में बैंक अधिकारियों और बिचौलियों द्वारा के KYC और ग्राहक जांच की भारी अनदेखी की गई, जो आरबियाई और बैंक के आंतरिक दिशा-निर्देशों का खुला उल्लंघन है। सीबीआई ने तलाशी के दौरान मोबाइल फोन, डिजिटल डिवाइस, बैंक दस्तावेज, KYC फॉर्म, ट्रांजैक्शन डेटा समेत कई आपत्तिजनक साक्ष्य बरामद किए हैं। जांच में यह भी सामने आया कि मुंबई में खाता खुलवाने से लेकर नागपुर में खाताधारक की रुकने की व्यवस्था और अन्य एजेंटों के जरिये रकम को और खच्चर खातों में भेजने तक की पूरी साजिश सुनियोजित थी। सबसे चौंकाने वाला पहलू यह है कि खच्चर खाताधारकों और एजेंटों को उनकी हिस्सेदारी क्रिप्टो करेंसी के ज़रिए दी गई, ताकि ट्रांजैक्शन को ट्रेस न किया जा सके। सीबीआई इस संगठित साइबर गिरोह के अन्य सदस्यों की तलाश में आगे की जांच कर रही है।