
मुंबई। वर्ली स्थित नेशनल स्पोर्ट्स क्लब ऑफ इंडिया (एनएससीआई) एक बार फिर विवादों में घिर गया है। क्लब के कई सदस्यों ने जून 2019 में केपीएमजी द्वारा प्रस्तुत फोरेंसिक ऑडिट रिपोर्ट में कथित वित्तीय अनियमितताओं को लेकर 17 अगस्त को असाधारण आम सभा (ईजीएम) बुलाने की मांग की है। क्लब के वित्तीय मामलों की जांच के लिए की गई इस रिपोर्ट को लेकर मुंबई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा (EOW) में एक प्राथमिकी भी दर्ज की गई है। ईजीएम बुलाने की पहल क्लब के सदस्य किरण टेमकर द्वारा की गई, जिन्होंने इसके लिए एक हस्ताक्षर अभियान शुरू किया। लेकिन इस कदम के कुछ ही समय बाद क्लब प्रबंधन ने उन्हें उनकी सदस्यता से निलंबित कर दिया, जिससे मामला और भी गंभीर हो गया। टेमकर ने अपनी सदस्यता निलंबन को “प्रतिशोधात्मक कार्रवाई” बताते हुए, अपने वकील निखिल मानेशिंदे के माध्यम से क्लब को कानूनी नोटिस भेजा है। उन्होंने आरोप लगाया कि क्लब की कार्यकारिणी पारदर्शिता से भाग रही है और सदस्यों को रिपोर्ट की सामग्री से वंचित रखा जा रहा है, जबकि फोरेंसिक ऑडिट में गंभीर वित्तीय गड़बड़ियों और अनुचित व्ययों की बात कही गई है। क्लब के अन्य सदस्यों का भी कहना है कि एक सदस्य-संचालित संस्था में, पारदर्शिता और उत्तरदायित्व सर्वोपरि होना चाहिए, और रिपोर्ट जैसे संवेदनशील दस्तावेजों को दबाने या उस पर चर्चा से बचने की कोशिश क्लब की संस्थागत ईमानदारी को खतरे में डालती है। अब निगाहें 17 अगस्त को होने वाली असाधारण आम सभा पर टिकी हैं, जहाँ सदस्यों की यह कोशिश होगी कि क्लब की आंतरिक वित्तीय स्थिति पर खुलकर चर्चा हो और फोरेंसिक रिपोर्ट को सार्वजनिक किया जाए।