
नागपुर। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की करुणामयी पहल और सामाजिक सरोकारों की प्रतिबद्धता के तहत, बच्चों के जन्मजात विकार फांक होंठ और फटे तालु के इलाज के लिए ‘महा स्माइल्स’ नामक विशेष अभियान की शुरुआत हो रही है। यह अनूठा प्रयास मुख्यमंत्री की अपील पर आधारित है, जिसे अंतरराष्ट्रीय गैर सरकारी संगठन स्माइल ट्रेन इंडिया और बजाज फिनसर्व की ओर से पूर्ण सहयोग प्राप्त हुआ है। यह अभियान 31 जुलाई 2025 को नागपुर के स्वामी विवेकानंद मेडिकल मिशन अस्पताल, खापरी से शुरू होगा। अपने तरह की इस पहली पहल में तीन विशेष मोबाइल वैन अगले 90 दिनों तक विदर्भ के 11 जिलों का भ्रमण करेंगी और फांक विकृति के प्रति जागरूकता, निदान, और निःशुल्क इलाज के लिए पंजीकरण का कार्य करेंगी। मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि यह अभियान न केवल इलाज, बल्कि जानकारी और समझ की कमी के कारण उपेक्षित इस गंभीर समस्या के प्रति सामाजिक चेतना जागृत करने का कार्य करेगा। उन्होंने बताया कि स्माइल ट्रेन इंडिया और बजाज फिनसर्व की शेफाली बजाज ने इस पहल का उत्साहपूर्वक समर्थन किया, जिससे यह अभियान अब मिशन मोड पर लागू हो रहा है।
क्या है फांक विकृति? फांक होंठ और फांटा तालु एक जन्मजात विकृति है, जो लगभग हर 700 नवजात शिशुओं में से एक में पाई जाती है। यदि समय पर इसका इलाज न हो, तो यह न केवल भाषण और सुनने की क्षमता को प्रभावित करता है, बल्कि बच्चे के सामाजिक जीवन में भी बाधा बनता है। हालांकि, यह एक पूरी तरह से इलाज योग्य स्थिति है और 6-7 सर्जरी के बाद सामान्य जीवन संभव है। इस पहल के अंतर्गत नागपुर, गोंदिया, अकोला और वर्धा के अस्पतालों में इन बच्चों की निःशुल्क सर्जरी की जाएगी। इसके अतिरिक्त मोबाइल यूनिटों के माध्यम से गाँव-गाँव जाकर प्रारंभिक पहचान, उपचार सलाह, और रजिस्ट्रेशन जैसी गतिविधियाँ की जाएंगी। मुख्यमंत्री फडणवीस ने अभियान को “स्वास्थ्य का राजदूत” बताते हुए कहा कि यह विदर्भ के हजारों ग्रामीण और आदिवासी परिवारों के लिए आशा की नई किरण बनेगा। उन्होंने विश्वास जताया कि यह पहल महाराष्ट्र को स्वास्थ्य के क्षेत्र में नई दिशा और नई ऊँचाइयाँ प्रदान करेगी। ‘महा स्माइल्स’ अभियान न केवल एक चिकित्सा सेवा है, बल्कि सहानुभूति, संवेदना और सामाजिक समावेशिता की मिसाल है। मुख्यमंत्री फडणवीस की यह पहल ऐसे बच्चों को नई मुस्कान और नया जीवन देने की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम है, जो भविष्य में महाराष्ट्र की स्वास्थ्य नीतियों के लिए एक मॉडल बन सकती है।