
मुंबई। राज्य के स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री डॉ. पंकज भोयर ने स्पष्ट किया है कि विद्यार्थियों की शिक्षा और सुरक्षा सर्वोपरि है, इसलिए राज्य भर में खतरनाक और जर्जर स्कूल भवनों का व्यापक सर्वेक्षण कर आवश्यक भौतिक सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित की जाएगी। इस उद्देश्य से मंत्रालय में शुक्रवर को एक आपात बैठक आयोजित की गई, जिसमें प्रमुख सचिव रणजीतसिंह देओल, उप सचिव समीर सावंत उपस्थित थे। वहीं, वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से स्कूल शिक्षा आयुक्त सचिंद्र प्रताप सिंह, समग्र शिक्षा परियोजना के निदेशक संजय यादव, प्राथमिक शिक्षा निदेशक शरद गोसावी तथा राज्य की सभी जिला परिषदों के मुख्य कार्यकारी अधिकारी और जिला शिक्षा अधिकारी भी सम्मिलित हुए। बैठक में डॉ.भोयर ने निर्देश दिया कि राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के दिशा-निर्देशों के अनुसार, जिला परिषद, नगर पालिका और नगर निगम क्षेत्रों में स्थित स्कूल भवनों का संरचनात्मक ऑडिट अनिवार्य रूप से कराया जाए। प्रत्येक स्कूल भवन की सुरक्षा स्थिति की विस्तृत रिपोर्ट जिला परिषदों के मुख्य कार्यकारी अधिकारियों को सौंपी जाए ताकि आगे की कार्यवाही नियोजनबद्ध ढंग से हो सके। मंत्री डॉ.भोयर ने यह भी कहा कि जर्जर और खतरनाक स्थिति में मौजूद स्कूलों का निरीक्षण कर उन्हें प्राथमिकता के आधार पर पुनर्निर्माण हेतु चयनित किया जाए और इसके लिए एक समग्र कार्ययोजना तैयार की जाए। उन्होंने यह आश्वासन भी दिया कि ऐसे विद्यालयों के पुनर्निर्माण के लिए जिला नियोजन समितियों से आवश्यक निधि उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अतिरिक्त, सभी स्कूलों में विद्यार्थियों के लिए सुरक्षित भवन और न्यूनतम बुनियादी सुविधाएं उपलब्ध हों, यह सुनिश्चित करना विभाग की प्राथमिक जिम्मेदारी है। इस पहल के ज़रिए राज्य सरकार न केवल स्कूलों की भौतिक स्थिति में सुधार लाने की दिशा में कदम उठा रही है, बल्कि विद्यार्थियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए सक्रिय और प्रतिबद्ध दृष्टिकोण भी अपना रही है।