Friday, July 11, 2025
Google search engine
HomeUncategorizedब्रिटिश नाम को हटाकर ऐतिहासिक 'कर्नाक ब्रिज' बना 'सिंदूर पुल', मुख्यमंत्री फडणवीस...

ब्रिटिश नाम को हटाकर ऐतिहासिक ‘कर्नाक ब्रिज’ बना ‘सिंदूर पुल’, मुख्यमंत्री फडणवीस ने किया उद्घाटन

मुंबई। करीब 150 वर्षों से ‘कर्नाक ब्रिज’ के नाम से पहचाना जाने वाला यह ऐतिहासिक रेलवे ओवरब्रिज अब ‘सिंदूर पुल’ के रूप में जाना जाएगा। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने सोमवार को इसका उद्घाटन करते हुए कहा कि यह नाम बदलाव स्वतंत्र भारत की मानसिकता को दर्शाता है, जो अब अपने औपनिवेशिक अतीत को पीछे छोड़, अपने शौर्य और स्वाभिमान का उत्सव मना रहा है। मुख्यमंत्री फडणवीस ने उद्घाटन समारोह में कहा, “कर्नाक नाम उस ब्रिटिश गवर्नर से जुड़ा है जिसने भारतीयों पर अन्याय किए थे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा स्वतंत्रता के अमृत महोत्सव के तहत इतिहास के ऐसे काले अध्यायों को समाप्त करने का जो आह्वान किया गया था, यह नाम परिवर्तन उसी दिशा में एक कदम है।” उन्होंने बताया कि पुल का नामकरण भारतीय सेना के ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के सम्मान में किया गया है, जो पाकिस्तान में आतंकी ठिकानों को नष्ट करने की कार्रवाई थी। यह नाम देश के पराक्रम और सैन्य ताकत का प्रतीक बनकर उभरेगा। मुंबई महानगरपालिका द्वारा पुनर्निर्मित यह नया पुल कुल 342 मीटर लंबा है, जिसमें से 70 मीटर का हिस्सा रेलवे की सीमा में आता है। मशीद बंदर स्टेशन के निकट पी. डी’ मेलो रोड से जुड़ने वाला यह पुल दक्षिण मुंबई के क्रॉफर्ड मार्केट, कालबादेवी, मोहम्मद अली रोड और धोबी तालाब जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों के लिए यातायात की दृष्टि से बेहद अहम है। मुख्यमंत्री ने पुल को रिकॉर्ड समय में उच्च गुणवत्ता के साथ पूर्ण करने पर महानगरपालिका की प्रशंसा की और दोपहर 3 बजे से इसे यातायात के लिए खोलने की घोषणा की। सिंदूर पुल के चालू हो जाने से पिछले 10 वर्षों से बाधित पूर्व-पश्चिम संपर्क फिर से बहाल हो गया है। इससे न केवल पी. डी’ मेलो मार्ग, वालचंद हीराचंद मार्ग और शहीद भगत सिंह मार्ग जैसे व्यस्त चौराहों पर यातायात का दबाव घटेगा, बल्कि यूसुफ मेहर अली मार्ग, मोहम्मद अली रोड, सरदार वल्लभभाई पटेल मार्ग और काजी सैयद मार्ग जैसे रूट पर भी ट्रैफिक काफी सुगम होगा। बृहन्मुंबई महानगरपालिका ने इस पुल का निर्माण मध्य रेलवे द्वारा स्वीकृत आराखड़े के अनुसार कराया है, जिससे यह न केवल तकनीकी रूप से सुरक्षित है बल्कि शहर की बदलती जरूरतों को भी पूरा करता है। ‘सिंदूर पुल’ अब मुंबई की आधुनिक बुनियादी संरचना का एक प्रतीक बनकर खड़ा है, जो गौरव, स्वतंत्रता और नए भारत की पहचान है।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments