
मीरा-भाईंदर। मीरा-भाईंदर शहर को स्वच्छ और सुंदर बनाए रखने के लिए महानगरपालिका द्वारा एक नई पहल– “स्वच्छता अंगिकारुया, आजारपण पळवुया” नामक जागरूकता अभियान – 1 जुलाई से 31 जुलाई 2025 तक चलाया जा रहा है। यह अभियान केंद्र सरकार के “स्वच्छ भारत मिशन” के अंतर्गत आने वाले “स्वच्छ सर्वेक्षण 2025” में मिरा-भाईंदर को अग्रणी स्थान दिलाने की दिशा में एक प्रभावशाली प्रयास है। इस अभियान का विधिवत शुभारंभ 10 जुलाई को लता मंगेशकर नाट्यगृह, चौथी मंजिल पर हुआ, जिसका उद्घाटन मिरा-भाईंदर महानगरपालिका के आयुक्त एवं प्रशासक राधाबिनोद अ. शर्मा (भा.प्र.से.) ने किया। उन्होंने गुरु पूर्णिमा की शुभकामनाएँ देते हुए नागरिकों से अपील की कि वे भी स्वच्छता को अपनी जिम्मेदारी मानें और महानगरपालिका के प्रयासों में सक्रिय भागीदार बनें। आयुक्त शर्मा ने कहा कि नगरपालिका के कर्मचारी प्रतिदिन सुबह से मेहनत कर रहे हैं, लेकिन जब तक नागरिक सहयोग नहीं करेंगे, तब तक संपूर्ण स्वच्छता संभव नहीं है। उन्होंने प्लास्टिक के कम से कम उपयोग, कचरे के वर्गीकरण और समुचित निस्तारण की महत्ता पर बल दिया। इस उद्देश्य की पूर्ति हेतु “स्वच्छते की पाठशाला– पर्व दूसरा” नामक एक अभिनव कार्यक्रम भी शुरू किया गया है, जिसके तहत विद्यालयों में विद्यार्थियों को स्वच्छता की शिक्षा दी जा रही है। इसमें कचरा वर्गीकरण, क्यूआर कोड से ट्रैकिंग प्रणाली, और आधुनिक अपशिष्ट प्रबंधन तकनीकों का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। शिक्षकों के लिए भी एक विशेष कार्यशाला आयोजित की गई, जिसमें बिसलरी और महानगरपालिका के संयुक्त तत्वावधान में पर्यावरणविद् पूजा शिंदे ने प्लास्टिक-मुक्त जीवनशैली, पुन: उपयोग और रीसाइक्लिंग की विस्तृत जानकारी दी। इस शुभारंभ समारोह में प्र.अतिरिक्त आयुक्त डॉ.सचिन बांगर, सहायक आयुक्त योगेश गुणीजन, अन्य अधिकारीगण, स्वच्छता निरीक्षक, पालिका कर्मचारी, शिक्षक एवं बड़ी संख्या में विद्यार्थी उपस्थित रहे। अभियान का उद्देश्य न केवल शहर को स्वच्छ बनाना है, बल्कि नागरिकों में स्वच्छता को एक संस्कार के रूप में स्थापित करना भी है।