Tuesday, July 8, 2025
Google search engine
HomeUncategorizedविधानसभा में विपक्ष के नेता की नियुक्ति में देरी को लेकर एमवीए...

विधानसभा में विपक्ष के नेता की नियुक्ति में देरी को लेकर एमवीए के विधायकों ने विधान भवन की सीढ़ियों पर किया विरोध प्रदर्शन

मुंबई। विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष का पद नवंबर 2024 में चुनाव के बाद से रिक्त है, जिसे लेकर कांग्रेस विधायक दल के नेता विजय वडेट्टीवार ने कहा कि यह देरी लोकतांत्रिक परंपराओं और विधायी मान्यताओं का घोर उल्लंघन है। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार जानबूझकर इस पद को रिक्त रखकर विपक्ष की आवाज़ को दबाने का प्रयास कर रही है। विरोध प्रदर्शन उस समय हुआ जब सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश डी.वाई. चंद्रचूड़ और न्यायमूर्ति भूषण गवई विधानमंडल परिसर के दौरे पर आए थे। इसी मौके का उपयोग करते हुए एमवीए नेताओं ने विधान भवन की सीढ़ियों पर जमकर नारेबाजी की और सरकार की आलोचना की। विजय वडेट्टीवार ने कहा, “जब सुप्रीम कोर्ट के मुख्य न्यायाधीश यहां पहुंचे, तब हमने यह संदेश देने की कोशिश की कि महाराष्ट्र में लोकतांत्रिक मर्यादाओं को कैसे दरकिनार किया जा रहा है। विधानसभा की कार्यवाही का बहिष्कार करते हुए हमने विपक्ष के नेता की नियुक्ति की मांग दोहराई।”
कांग्रेस विधायक डॉ. विश्वजीत कदम ने कहा, “यह लोकतंत्र का घोर अपमान है। विधानसभा में विपक्ष का नेता नहीं होना यह दिखाता है कि सरकार विपक्ष की भूमिका से डर रही है। वहीं, मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि, यह विषय विधानसभा अध्यक्ष और विपक्षी दलों के बीच का है, सरकार इसमें हस्तक्षेप नहीं कर सकती। गौरतलब है कि 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में शिवसेना (यूबीटी), कांग्रेस और एनसीपी (शरद पवार गुट) मिलाकर विपक्ष के पास लगभग 50 विधायक हैं। परंतु, विधानसभा नियमों के अनुसार विपक्ष के नेता का पद केवल उसी पार्टी को मिल सकता है जिसके पास कुल सदस्यों की कम से कम 10 प्रतिशत सीटें यानी 29 विधायक हों। एमवीए ने शिवसेना (यूबीटी) के भास्कर जाधव को नेता प्रतिपक्ष पद के लिए नामित किया है, लेकिन विधानसभा अध्यक्ष ने अब तक कोई निर्णय नहीं लिया है। इस स्थिति ने राज्य में संवैधानिक और राजनीतिक बहस को जन्म दे दिया है कि क्या किसी पार्टी को, जो 10 प्रतिशत की सीमा तक नहीं पहुंचती, उसे नेता प्रतिपक्ष नियुक्त किया जा सकता है या नहीं। विपक्षी दलों का कहना है कि गठबंधन के तौर पर वे यह योग्यता रखते हैं और लोकतंत्र की रक्षा के लिए यह पद भरना आवश्यक है। विरोध प्रदर्शन के माध्यम से एमवीए ने यह स्पष्ट संकेत दिया है कि वे इस मुद्दे को लेकर दबाव बनाते रहेंगे और जरूरत पड़ी तो न्यायिक हस्तक्षेप का रास्ता भी अपना सकते हैं।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -
Google search engine

Most Popular

Recent Comments