
मुंबई। मीरा-भायंदर में मराठी भाषा को लेकर उभरे विवाद और मनसे द्वारा आयोजित ‘मराठी स्वाभिमान मोर्चा’ के बाद महाराष्ट्र की राजनीति में जबरदस्त बयानबाज़ी शुरू हो गई है। समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष और मुंबई के विधायक अबू आसिम आज़मी ने मनसे पर तीखा हमला करते हुए कहा है कि “राज ठाकरे की पार्टी बार-बार कानून को अपने हाथ में ले रही है और सरकार जानबूझकर आंख मूंदे बैठी है। आज़मी की टिप्पणी उस घटना के बाद आई है, जिसमें मीरा रोड पर एक दुकानदार के साथ सिर्फ़ इसलिए मारपीट की गई क्योंकि वह मराठी में बात नहीं कर रहा था। मनसे कार्यकर्ताओं द्वारा की गई इस हिंसा के विरोध में पीड़ित दुकानदार के बयान और मीडिया में सामने आई वीडियो के बाद मामला तूल पकड़ गया था। अबू आज़मी ने इस घटना को “कानून-व्यवस्था का मज़ाक और अल्पसंख्यकों के मन में डर बैठाने की कोशिश” बताया। उन्होंने कहा, अगर वह पीड़ित व्यक्ति कोई गरीब या कमजोर होता, तो शायद जान से भी हाथ धो बैठता। इस गुंडागर्दी को सरकार की शह प्राप्त है। पहले टैक्सी चालकों को पीटा, फिर हिंदी भाषियों को धमकाया और अब दुकानदारों पर हमले हो रहे हैं। यह महाराष्ट्र नहीं, माफियाओं का राज जैसा लग रहा है। आज़मी ने यह भी आरोप लगाया कि “मनसे को इस विश्वास ने बढ़ावा दिया है कि उनके खिलाफ कोई कड़ी कार्रवाई नहीं होगी। जबकि सच्चाई यह है कि इस तरह की हिंसा की जगह लोकतंत्र में नहीं होनी चाहिए। अगर कोई भाषा का अपमान करता है तो उसके लिए कानून हैं, गुंडागर्दी नहीं। इस रैली पर राज्य सरकार और पुलिस की भूमिका भी सवालों के घेरे में आ गई है। शिवसेना नेता और मंत्री प्रताप सरनाईक ने पुलिस की कार्रवाई पर नाराज़गी जताई और कहा कि “मराठी सम्मान मार्च” को न रोका जाना चाहिए था। उन्होंने पुलिस पर “किसी खास पार्टी के इशारे पर काम करने” का आरोप लगाया। सरनाईक ने ठाणे में पत्रकारों से कहा, “रैली के लिए अनुमति दी गई थी, लेकिन उसे जिस मार्ग से निकालना था, उस पर रोक लगा दी गई। यह पुलिस प्रशासन की विफलता है। अगर शांतिपूर्ण तरीके से यह मार्च निकलता, तो किसी भी तरह की कानून व्यवस्था की समस्या नहीं होती। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस मुद्दे पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि “रैली की अनुमति दी गई थी, लेकिन मार्ग को लेकर विवाद हुआ था। पुलिस ने कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कार्रवाई की। मीरा-भायंदर में भाषा को लेकर बढ़ते विवाद और सड़कों पर हो रही ‘थप्पड़बाजी’ से माहौल तनावपूर्ण बना हुआ है। अबू आज़मी ने सरकार से अपील की है कि वह “राज्य में भय और नफ़रत फैलाने वाली ताक़तों के खिलाफ़ सख़्त कार्रवाई करे और महाराष्ट्र के संविधानिक मूल्यों की रक्षा करे।