
पुणे। पुणे में मेट्रो स्टेशनों से अंतिम मील तक की यात्रा करने वाले यात्रियों को जल्द ही राहत मिलने वाली है। मेट्रो स्टेशनों के पास प्रभावी सार्वजनिक परिवहन की कमी के कारण अब तक यात्रियों को काफी असुविधा का सामना करना पड़ रहा था, लेकिन अब इस समस्या का समाधान ई-पिंक रिक्शा के माध्यम से होने जा रहा है। राज्य सरकार की महिला सशक्तिकरण योजना के तहत पुणे में महिलाओं को आवंटित किए गए लगभग 2,800 ई-पिंक रिक्शा अब मेट्रो कनेक्टिविटी से जोड़ने के लिए तैनात किए जाएंगे। इन वाहनों के संचालन के लिए महिला चालकों को प्रशिक्षण और वित्तीय सहायता दी जा रही है। यह पहल न केवल यात्रियों की यात्रा को सुगम बनाएगी, बल्कि महिलाओं के लिए रोजगार के नए अवसर भी प्रदान करेगी।
आरटीओ ने रूट निर्धारण शुरू किया
क्षेत्रीय परिवहन कार्यालय (आरटीओ) ने मेट्रो स्टेशनों से इन ई-रिक्शा के लिए विशेष मार्ग तय करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पहले चरण में पांच प्रमुख मेट्रो स्टेशनों से इनकी सेवा शुरू होगी, और बाद में परियोजना का विस्तार अन्य स्टेशनों तक किया जाएगा। इस योजना के तहत सरकार ई-रिक्शा की कीमत पर 20 प्रतिशत सब्सिडी देगी, जबकि शेष 70 प्रतिशत राशि राष्ट्रीयकृत बैंकों से ऋण के रूप में उपलब्ध कराई जाएगी। जिला कलेक्टर की अध्यक्षता में गठित समिति पात्र महिलाओं का चयन कर रही है। पुणे और पिंपरी-चिंचवड़ क्षेत्र के लिए स्वीकृत कुल 3,400 ई-पिंक रिक्शा में से 2,800 रिक्शा पुणे आरटीओ क्षेत्र में वितरित किए जाएंगे। इन ई-पिंक रिक्शाओं का किराया पारंपरिक ऑटो-रिक्शा की तुलना में कम होगा। मार्गों के अंतिम रूप दिए जाने के बाद, टिकट दरें तय की जाएंगी। इसका उद्देश्य यात्रियों को किफायती और सुविधाजनक अंतिम मील परिवहन सेवा प्रदान करना है।
सुरक्षा और सुविधा का नया मॉडल
इन रिक्शा को पूरी तरह महिलाओं द्वारा संचालित किया जाएगा, जिससे महिला चालकों के लिए सुरक्षित आजीविका का मार्ग खुलेगा और यात्रियों को एक भरोसेमंद सेवा मिलेगी। मेट्रो स्टेशनों से निकलकर आस-पास के क्षेत्रों में जाने वाले यात्रियों के लिए यह एक नया, सुरक्षित और पर्यावरण-अनुकूल विकल्प बनकर उभरेगा। महामेट्रो के कार्यकारी निदेशक (जनसंपर्क) हेमंत सोनावणे ने बताया कि अगर यह परियोजना सफल होती है तो भविष्य में इसे और अधिक स्टेशनों तक विस्तारित किया जाएगा।