
मुंबई। महाराष्ट्र विधानसभा के मानसून सत्र के दौरान कांग्रेस नेता विजय वडेट्टीवार ने बुधवार को राज्य में आकाशीय बिजली गिरने से मारे गए किसानों और मजदूरों के परिवारों को मिलने वाले मुआवजे की राशि बढ़ाने की पुरजोर मांग की। उन्होंने मौजूदा 4 लाख रूपए की सहायता राशि को 10 लाख रूपए करने का प्रस्ताव रखा और सरकार से इसे न्यायसंगत बताते हुए शीघ्र लागू करने की अपील की।
वडेट्टीवार ने कहा कि आकाशीय बिजली मुख्यतः खेतों में कार्यरत गरीब किसानों, मजदूरों या चरवाहों को निशाना बनाती है, जिनके परिवार असमय मौत के बाद पूरी तरह से बेसहारा हो जाते हैं। उन्होंने सवाल किया कि जब बाघ के हमले में मारे गए व्यक्ति को 25 लाख रूपए मुआवजा दिया जाता है, तो आकाशीय बिजली जैसी प्राकृतिक आपदा में जान गंवाने वालों को कम मुआवजा क्यों? इस पर जवाब देते हुए आपदा प्रबंधन मंत्री गिरीश महाजन ने सदन को आश्वस्त किया कि सरकार मुआवजा बढ़ाने के प्रस्ताव पर विचार करेगी और मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे से चर्चा की जाएगी। मंत्री ने यह भी बताया कि पहले आकाशीय बिजली से होने वाली मौतें आपदा राहत के दायरे में नहीं आती थीं, लेकिन अब इन्हें शामिल कर लिया गया है। महाजन ने सदन को यह भी सूचित किया कि 2022 में 236 और 2023 में 181 लोगों की मौत आकाशीय बिजली से हुई। उन्होंने जानकारी दी कि लोगों को समय पर सतर्क करने के लिए केंद्र सरकार की दो मोबाइल ऐप्स—‘दामिनी’ और ‘सचेत’—का उपयोग किया जा रहा है। इसके अलावा, 400 मीटर रेंज वाले हाइपरलोकल अलर्ट देने वाले एक नए मोबाइल ऐप पर भी काम चल रहा है ताकि सटीक और समय पर चेतावनी दी जा सके।इस विषय पर विधायक संतोष दानवे, भास्कर जाधव, समीर कुनावर समेत अन्य सदस्यों ने भी अपनी चिंता जताई और तकनीकी उपायों तथा मुआवजा नीति में व्यापक सुधार की आवश्यकता बताई। जलवायु परिवर्तन और मौसम संबंधी घटनाओं की बढ़ती आवृत्ति के चलते सदन में इस मुद्दे पर गंभीर चर्चा हुई और राज्य सरकार पर नीति परिवर्तन का दबाव बढ़ता दिखा।