
मुंबई। पिंपरी-चिंचवड़ महानगरपालिका की विकास योजना (डीपी) पर जारी आपत्तियों और सुझावों की प्रक्रिया को लेकर राज्य की नगर विकास राज्यमंत्री माधुरी मिसाल ने विधान परिषद में आश्वासन दिया कि इस योजना में किसी के साथ अन्याय नहीं किया जाएगा। उन्होंने कहा कि यदि आवश्यकता पड़ी तो सरकार अंतिम चरण में योजना में संशोधन कर सकती है या उसे रद्द भी किया जा सकता है। विधान परिषद सदस्य अमित गोरखे द्वारा उठाए गए प्रश्न के उत्तर में बोलते हुए मंत्री मिसाल ने बताया कि इस योजना पर अब तक लगभग 30,000 आपत्तियां और सुझाव प्राप्त हुए हैं। इन सभी पर नगर नियोजन विभाग द्वारा विस्तृत सुनवाई की जा रही है। इसके आधार पर आवश्यक संशोधन कर अंतिम योजना तैयार की जाएगी। यदि सुनवाई के दौरान यह स्पष्ट होता है कि योजना में किसी प्रकार का अन्याय हुआ है या कोई गंभीर त्रुटि है, तो सरकार उसे सुधारने या रद्द करने का अधिकार रखती है। विकास योजना की प्रक्रिया के महत्व पर प्रकाश डालते हुए मंत्री ने कहा कि किसी भी शहर का व्यवस्थित और समुचित विकास विकास योजना के अनुमोदन के बिना संभव नहीं होता। इसलिए इस प्रक्रिया में नागरिकों की भागीदारी सुनिश्चित करना सरकार की जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि नागरिकों, संगठनों और जनप्रतिनिधियों को 14 जुलाई 2025 तक अपने विचार और सुझाव प्रस्तुत करने का अवसर दिया गया है। विधान परिषद में इस मुद्दे पर सतेज पाटिल, श्रीकांत भारतीय, सचिन अहिरे, उमा खापरे, शशिकांत शिंदे और सत्यजीत मोहिते पाटिल जैसे सदस्यों ने भी चर्चा में भाग लिया। अंत में मंत्री मिसाल ने दोहराया कि सरकार एक निष्पक्ष, व्यापक और भविष्यदर्शी विकास योजना को अंतिम रूप देने के लिए प्रतिबद्ध है, जिसमें नागरिकों की राय सर्वोपरि रहेगी।