
मुंबई। महाराष्ट्र भर के 75 वरिष्ठ पुलिस निरीक्षकों ने सहायक पुलिस आयुक्त (एसीपी) के पद पर पदोन्नति से इनकार कर दिया है, जिसके चलते अब राज्य पुलिस मुख्यालय ने उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू कर दी है। यह कदम गृह विभाग के निर्देशों के बाद उठाया गया है, जिसने 2022 से 2024 के बीच दो बार पदोन्नति सूचियां जारी की थीं। पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) कार्यालय ने इन सभी अधिकारियों के खिलाफ अब तक की गई कार्रवाई की विस्तृत रिपोर्ट मंगलवार तक प्रस्तुत करने के निर्देश संबंधित विभागों को दिए हैं। 2025 में जारी नई सूची में 215 अतिरिक्त निरीक्षकों को पदोन्नति के लिए नामित किया गया है। हालांकि, कई अधिकारियों ने इस पदोन्नति को स्वीकार करने में अनिच्छा दिखाई है। सूत्रों के अनुसार, कुछ अधिकारियों ने सेवा काल के अंतिम चरण में उच्च पद की जिम्मेदारी लेने से जानबूझकर परहेज किया है। उनके इनकार के कारणों में विभागीय जांच, सेवा अभिलेख में प्रतिकूल टिप्पणियां, या लंबित नोटिस जैसी समस्याएं सामने आई हैं। वहीं कुछ अधिकारी अपनी वर्तमान ‘क्रीम पोस्टिंग’ मानी जाने वाली पुलिस स्टेशन प्रभारी की भूमिका को छोड़ना नहीं चाहते। विशेष रूप से, मुंबई पुलिस बल से सबसे अधिक 24 अधिकारी पदोन्नति से पीछे हटे हैं। इसके बाद ठाणे और पुणे से 9-9, एसीबी से 4, और पिंपरी-चिंचवाड़ से भी 4 अधिकारी शामिल हैं। अन्य अधिकारी राज्य के विभिन्न जिलों से हैं। अब तक, कई अधिकारियों ने यह मानकर पदोन्नति से इनकार किया था कि इसका कोई गंभीर परिणाम नहीं होगा, लेकिन डीजीपी कार्यालय द्वारा कार्रवाई रिपोर्ट की मांग के बाद अब पुलिस बल के भीतर हड़कंप मच गया है। इस घटनाक्रम से संकेत मिलता है कि अब इन सभी 75 निरीक्षकों के खिलाफ विभागीय अनुशासनात्मक कार्यवाही की प्रक्रिया शुरू की जाएगी। यह घटनाक्रम महाराष्ट्र पुलिस के प्रशासनिक ढांचे और अधिकारियों की पदोन्नति नीति पर भी सवाल खड़े करता है, जहां वरिष्ठ पदों को लेने से अधिकारी कतरा रहे हैं, जिससे उच्च स्तर पर नेतृत्व की कमी उत्पन्न हो रही है।