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पुणे। पुणे में गिलियन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) से मरने वालों की संख्या बढ़कर 10 हो गई है। मंगलवार को 21 वर्षीय किरण राजेंद्र देशमुख का इलाज के दौरान निधन हो गया। किरण तीन सप्ताह से अधिक समय से जीबीएस से जूझ रही थीं। वह पुणे के संरक्षक मंत्री अजीत पवार के निर्वाचन क्षेत्र और गृहनगर बारामती की निवासी थीं और पढ़ाई के लिए सिंहगढ़ इलाके में अपने रिश्तेदारों के साथ रह रही थीं, जहां उन्हें यह बीमारी हो गई। इस इलाके में जीबीएस के कई मामले सामने आए हैं और दुर्भाग्यवश किरण भी इसकी चपेट में आ गईं। शुरुआत में दस्त और कमजोरी के लक्षण दिखने पर उनके परिवार ने बारामती में इलाज कराया, लेकिन हालत में कोई सुधार नहीं हुआ। डॉक्टरों ने जीबीएस की आशंका जताते हुए उन्हें 27 जनवरी को पुणे के एक अस्पताल में भर्ती कराने की सलाह दी, लेकिन उनकी तबीयत लगातार बिगड़ती गई और अंततः मंगलवार को उनकी मृत्यु हो गई। इस बीच, महाराष्ट्र में जीबीएस के कुल मामलों की संख्या 211 तक पहुंच गई है। यह एक दुर्लभ स्थिति है, जिसमें व्यक्ति की प्रतिरक्षा प्रणाली परिधीय तंत्रिकाओं पर हमला करती है, जिससे मांसपेशियों में कमजोरी, अंगों में संवेदना की हानि, निगलने और सांस लेने में समस्या हो सकती है। स्वास्थ्य विभाग के अनुसार, इन 211 मामलों में से 42 पुणे नगर निगम (पीएमसी) क्षेत्र, 94 पीएमसी में हाल ही में जोड़े गए गांवों, 32 पिंपरी-चिंचवड़ नगर निगम (पीसीएमसी) क्षेत्र, 33 पुणे के ग्रामीण हिस्सों और 10 अन्य जिलों से हैं। अब तक 139 मरीजों को अस्पताल से छुट्टी मिल चुकी है, जबकि 39 मरीज ICU में और 18 मरीज वेंटिलेटर पर भर्ती हैं। स्वास्थ्य विभाग स्थिति की निगरानी कर रहा है और जीबीएस के बढ़ते मामलों को लेकर सतर्क है।