
मुंबई। मराठी भाषा को शास्त्रीय भाषा का दर्जा मिलने के बाद इसके व्यापक प्रचार-प्रसार को सुनिश्चित करने के लिए राज्य सरकार द्वारा कई महत्वपूर्ण कदम उठाए जा रहे हैं। उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मराठी भाषा विभाग को निर्देश दिया कि वह मराठी साहित्य को दृश्य-श्रव्य मीडिया पर उपलब्ध कराए, ताकि इसे ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचाया जा सके। यह निर्देश उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की अध्यक्षता में सह्याद्री अतिथिगृह में आयोजित मराठी भाषा विभाग की बैठक में दिए गए। बैठक में मराठी भाषा मंत्री उदय सामंत, विधायक दीपक केसरकर, अतिरिक्त मुख्य सचिव असीम कुमार गुप्ता, प्रधान सचिव नवीन सोना, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। उपमुख्यमंत्री शिंदे ने कहा, “दुनिया भर के मराठी प्रेमियों को साहित्य से परिचित कराने के लिए आधुनिक तकनीक का उपयोग जरूरी है। यदि साहित्य दृश्य-श्रव्य प्रारूप में उपलब्ध हो, तो वह आसानी से लोगों तक पहुंच सकता है।” इसके अलावा, उन्होंने यह भी बताया कि लगभग 500 बृहमंडल वैश्विक स्तर पर मराठी भाषा के विस्तार के लिए काम कर रहे हैं। इन बृहमंडलों को 500 मराठी पुस्तकों की आपूर्ति की जाएगी, ताकि विदेशी धरती पर भी मराठी साहित्य का प्रचार किया जा सके। उपमुख्यमंत्री ने यह भी सुझाव दिया कि विदेशों में स्थित बृहन् महाराष्ट्र मंडलों में छत्रपति शिवाजी महाराज की प्रतिमा स्थापित करने के लिए कदम उठाए जाएंगे। आधुनिक पहल की बात करते हुए, उपमुख्यमंत्री शिंदे ने रेलवे और बस स्टेशनों पर क्यूआर कोड लगाने का प्रस्ताव रखा, ताकि मराठी न बोलने वाले नागरिकों के लिए मराठी सीखना आसान हो सके। उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि अधिक से अधिक मराठी पुस्तकों को इंटरनेट पर उपलब्ध कराया जाए, ताकि वे व्यापक रूप से पढ़ी जा सकें।