मुंबई। महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास महामंडल (एमएसआरडीसी) के तहत संचालित विभिन्न द्रुतगति महामार्ग परियोजनाओं की समीक्षा बैठक में सार्वजनिक निर्माण (सार्वजनिक उपक्रम) राज्यमंत्री मेघना बोर्डीकर ने विश्वास जताया कि ये परियोजनाएँ राज्य की परिवहन व्यवस्था को सशक्त करेंगी। राज्यमंत्री बोर्डीकर ने निर्मल भवन में एमएसआरडीसी के आगामी 100 दिनों में किए जाने वाले कार्यों की समीक्षा की। बैठक में उपाध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक डॉ.अनिलकुमार गायकवाड़, संयुक्त प्रबंध निदेशक राजेश पाटील, कैलास जाधव, मनुज जिंदल सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।
राज्य को जोड़ने वाले द्रुतगति महामार्ग
राज्यमंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र में कई महत्वाकांक्षी द्रुतगति महामार्ग परियोजनाएँ कार्यान्वित की जा रही हैं, जिससे यात्रा का समय कम होगा और परिवहन सुविधा बेहतर होगी। इनमें नागपुर से गोवा तक 802 किमी लंबा शक्तिपीठ महामार्ग एक प्रमुख परियोजना है। इसके अलावा, पुणे-नाशिक औद्योगिक महामार्ग, नाशिक रिंग रोड, कोंकण एक्सप्रेसवे, शेगांव-सिंदखेड़ राजा भक्ति मार्ग जैसी परियोजनाएँ राज्य के विभिन्न हिस्सों को तेजी से जोड़ेंगी, जिससे आर्थिक विकास को भी गति मिलेगी। बैठक में राज्यमंत्री ने निम्नलिखित प्रमुख परियोजनाओं की समीक्षा की
पूर्ण हो चुकी परियोजनाएँ
हिंदूहृदयसम्राट बाळासाहेब ठाकरे महाराष्ट्र समृद्धि महामार्ग।
यशवंतराव चव्हाण मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे।
राजीव गांधी बांद्रा-वर्ली सी-लिंक।
ठाणे खाड़ी पुल क्र. 3।
प्रगति पर परियोजनाएँ:
समृद्धि महामार्ग का 76 किमी का अंतिम चरण।
यशवंतराव चव्हाण मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे मिसिंग लिंक।
स्वातंत्र्यवीर सावरकर वर्सोवा-बांद्रा सागरी सेतु।
जीएसटी भवन।
समृद्धि महामार्ग पर यातायात नियंत्रण के लिए प्रस्तावित आईटीएमएस प्रणाली।
राज्यमंत्री बोर्डीकर ने अधिकारियों को निर्देश दिया कि इन परियोजनाओं को तय समय-सीमा में पूरा किया जाए, ताकि महाराष्ट्र की परिवहन व्यवस्था को और अधिक सुगम एवं सशक्त बनाया जा सके।