पुणे। तीसरे वर्ल्ड मराठी सम्मेलन का उद्घाटन मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस, उपमुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उपमुख्यमंत्री अजित पवार, मराठी भाषा मंत्री उदय सामंत और अन्य प्रमुख हस्तियों द्वारा फर्ग्यूसन कॉलेज में भव्य उत्साह के साथ किया गया। इस कार्यक्रम में देशभर और विदेशों से आए साहित्यकारों, मराठी प्रेमियों और समाज के विभिन्न वर्गों के लोगों ने भाग लिया।
मराठी भाषा के लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) का उपयोग
उद्घाटन समारोह में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि मौजूदा कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) के युग में मराठी भाषा को संरक्षित और विकसित करने के लिए स्मॉल लैंग्वेज मॉडल विकसित किए जाने चाहिए। उन्होंने मराठी भाषा विभाग को इस दिशा में कदम उठाने का सुझाव दिया ताकि मराठी का अभिजात साहित्य अगली पीढ़ी तक प्रभावी रूप से पहुंच सके। इस अवसर पर पद्मश्री मधु मंगेश कर्णिक को ‘साहित्य भूषण’ पुरस्कार से सम्मानित किया गया। मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि कर्णिक जी, जिन्होंने मात्र चार वर्ष की आयु से साहित्य सृजन शुरू किया और 93 वर्ष की उम्र में भी सक्रिय हैं, उनके योगदान को सम्मानित करना गौरव की बात है।
मराठी को अभिजात भाषा का दर्जा
फडणवीस ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का धन्यवाद करते हुए कहा कि मराठी को अभिजात भाषा का दर्जा दिया गया है और यह सम्मेलन इस ऐतिहासिक निर्णय के बाद पहली बार आयोजित किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मराठी भाषा को वैश्विक पहचान दिलाने के लिए सरकार हरसंभव प्रयास कर रही है।
वैश्विक स्तर पर मराठी का प्रचार
मुख्यमंत्री ने मराठी की वैश्विक उपस्थिति पर जोर देते हुए बताया कि दुनिया के हर कोने में मराठी भाषी लोग मौजूद हैं। उन्होंने एक प्रेरणादायक घटना साझा की कि जब वे दावोस वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम में गए थे, तो वहां एक बच्चे ने कहा “लाभले आम्हास भाग्य बोलतो मराठी”(हम भाग्यशाली हैं कि हम मराठी बोलते हैं)। इससे साबित होता है कि मराठी विदेशों में भी जीवंत है।
मराठी भाषा, संस्कृति और छत्रपति शिवाजी महाराज का योगदान
मुख्यमंत्री फडणवीस ने कहा कि मराठी भाषा की जड़ें गहरी और सशक्त हैं। छत्रपति शिवाजी महाराज, संत तुकाराम, संत ज्ञानेश्वर और अन्य महापुरुषों की शिक्षाओं ने मराठी संस्कृति को वैश्विक दृष्टिकोण दिया है।|
मराठी भाषा और डिजिटल युग
मुख्यमंत्री ने कहा कि मराठी भाषा केवल संचार का माध्यम नहीं है, बल्कि यह समाज परिवर्तन और सृजनात्मकता का एक शक्तिशाली साधन है। उन्होंने सुझाव दिया कि AI और आधुनिक तकनीकों के माध्यम से मराठी साहित्य को डिजिटल रूप में संरक्षित और प्रचारित किया जाना चाहिए।
मराठी भाषा को बढ़ावा देने के लिए सरकारी सहायता
फडणवीस ने आश्वासन दिया कि इंग्लैंड के मराठी मंडल को जल्द ही आवश्यक सरकारी सहायता प्रदान की जाएगी। साथ ही, दिल्ली में मराठी स्कूलों के संचालन के लिए भी महाराष्ट्र सरकार सहायता देगी। तीसरे वर्ल्ड मराठी सम्मेलन ने न केवल मराठी भाषा और संस्कृति का उत्सव मनाया, बल्कि यह भी दर्शाया कि कृत्रिम बुद्धिमत्ता और आधुनिक तकनीक का उपयोग कर मराठी साहित्य को संरक्षित और प्रचारित किया जा सकता है। मुख्यमंत्री फडणवीस और साहित्यकार मधु मंगेश कर्णिक जैसे दिग्गजों के मार्गदर्शन में मराठी भाषा का भविष्य उज्जवल दिखता है।