
मुंबई। महाराष्ट्र सरकार ने राज्य के सभी टोल प्लाजा पर 1 अप्रैल 2025 से फास्टैग के माध्यम से टोल भुगतान को अनिवार्य कर दिया है। मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक में मौजूदा सार्वजनिक निजी भागीदारी (PPP) नीति 2014 में संशोधन को मंजूरी दी गई। इस कदम का उद्देश्य टोल संग्रहण प्रणाली को अधिक एकरूप और पारदर्शी बनाना है। नई व्यवस्था के तहत, टोल प्लाजा पर वाहनों की भीड़ कम होगी, जिससे समय और ईंधन की बचत होगी। फास्टैग के बिना या अन्य माध्यम से टोल भुगतान करने वाले वाहनों को दोगुना टोल देना होगा। वर्तमान में लोक निर्माण विभाग की 13 और महाराष्ट्र राज्य सड़क विकास निगम की 9 सड़क परियोजनाओं पर टोल वसूली हो रही है, और यह नियम इन परियोजनाओं के साथ-साथ भविष्य की सभी टोल संग्रहण परियोजनाओं पर भी लागू होगा। फास्टैग आधारित प्रणाली से टोल प्रक्रिया को डिजिटल और अधिक कुशल बनाने की दिशा में यह बड़ा कदम माना जा रहा है।