मुंबई। महाराष्ट्र की माहिम विधानसभा सीट को लेकर सियासी गर्मी तेज हो गई है। इस सीट से महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) प्रमुख राज ठाकरे के बेटे अमित ठाकरे चुनाव लड़ रहे हैं, जबकि महायुति गठबंधन की ओर से एकनाथ शिंदे की पार्टी शिवसेना के मौजूदा विधायक सदा सरवणकर मैदान में हैं। पिछले १५ सालों से माहिम के विधायक रहे सरवणकर को महायुति ने यह प्रस्ताव दिया है कि अगर वह नामांकन वापस लेते हैं, तो उन्हें विधान परिषद की सीट और मंत्री पद से सम्मानित किया जाएगा।
सदा सरवणकर का इमोशनल पोस्ट
महायुति के प्रस्ताव के बाद, सरवणकर ने एक इमोशनल पोस्ट के जरिए अपनी भावनाएं व्यक्त की हैं। उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा, ठमैं ४० साल से शिवसेना का कार्यकर्ता हूं और अपनी मेहनत से तीन बार माहिम से विधायक बना। अगर बालासाहेब ठाकरे होते तो मुझसे रिश्तेदार के लिए सीट छोड़ने के लिए नहीं कहते। दादर-माहिम में उनके कई रिश्तेदार होते हुए भी उन्होंने मुझ जैसे आम कार्यकर्ता को मौका दिया। वे कार्यकर्ताओं का सम्मान करने वाले नेता थे।इसके अलावा, सरवणकर ने एकनाथ शिंदे की भी प्रशंसा करते हुए कहा कि, ठभले ही उनका बेटा तीन बार सांसद रहा है, लेकिन उन्होंने उसे मंत्री नहीं बनाया। मैं राज ठाकरे से निवेदन करता हूं कि वे मेरे जैसे कार्यकर्ता के साथ अन्याय न करें और मुझे अपना समर्थन दें।
माहिम सीट पर दिलचस्प मुकाबला
माहिम सीट पर इस बार त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल सकता है। एक ओर राज ठाकरे ने अपने बेटे अमित ठाकरे को उम्मीदवार के रूप में उतारा है। दूसरी ओर, शिवसेना शिंदे गुट ने सदा सरवणकर को टिकट दिया है, और उद्धव ठाकरे की शिवसेना की तरफ से महेश सावंत मैदान में हैं। बीजेपी पहले ही इस सीट पर अमित ठाकरे का समर्थन करने की बात कह चुकी है, जिससे माहिम सीट पर मुकाबला और भी दिलचस्प हो गया है। महायुति के इस प्रस्ताव और सदा सरवणकर के इमोशनल पोस्ट के बाद अब यह देखना अहम होगा कि क्या सरवणकर अपनी उम्मीदवारी वापस लेंगे या फिर मुकाबला त्रिकोणीय रहेगा।