मुंबई। मुंबई के पूर्व पुलिस कमिश्नर परमबीर सिंह ने महाविकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार पर गंभीर आरोप लगाए हैं। सिंह ने दावा किया है कि उनके खिलाफ झूठे मामले दर्ज करके उन्हें फंसाने और गिरफ्तार करने की साजिश रची गई थी। उन्होंने आरोप लगाया कि इस साजिश के पीछे तत्कालीन मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे, एनसीपी प्रमुख शरद पवार और पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख थे। परमबीर सिंह ने अपने बयान में कहा कि ‘अर्बन लैंड सीलिंग’ केस में, उन्हें जानबूझकर फंसाने की कोशिश की गई थी। उन्होंने बताया कि इस मामले में जांच अधिकारी सरदार पाटिल थे, जो उस समय एसीपी थे और अब सेवानिवृत्त हो चुके हैं। सिंह के अनुसार, सरदार पाटिल को सीधे संजय पांडे से निर्देश मिल रहे थे, और संजय पांडे को ये निर्देश अनिल देशमुख, शरद पवार और उद्धव ठाकरे से मिल रहे थे। परमबीर सिंह ने आगे कहा कि यह साजिश केवल उनके खिलाफ नहीं थी, बल्कि तत्कालीन विपक्ष के नेता और वर्तमान उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस और एकनाथ शिंदे को भी फंसाने की योजना बनाई गई थी। उनके मुताबिक, संजय पांडे से सरदार पाटिल को इन नेताओं को गिरफ्तार करने के निर्देश दिए गए थे। इस मामले पर प्रतिक्रिया देते हुए महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि एमवीए सरकार के दौरान उनके खिलाफ झूठे मामले बनाकर उन्हें गिरफ्तार करने की साजिश रची गई थी। उन्होंने बताया कि उन्होंने सीबीआई को इसके वीडियो सबूत भी सौंपे थे। फडणवीस ने यह भी कहा कि उस समय कुछ अधिकारियों को उन्हें और अन्य नेताओं को जेल में डालने का ठेका दिया गया था, लेकिन वे इसमें सफल नहीं हो सके क्योंकि कई ईमानदार अधिकारी थे जिन्होंने ऐसे मामलों को बनाने से इनकार कर दिया था। परमबीर सिंह के इन आरोपों ने एक बार फिर महाराष्ट्र की राजनीति में हलचल मचा दी है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि आगे इस पर क्या प्रतिक्रिया आती है।