मुंबई। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के संस्थापक शरद पवार ने पुणे के लवासा में एक निजी हिल स्टेशन का निर्माण करने की कथित अवैध अनुमति देने के लिए उनके, उनकी बेटी सुप्रिया सुले और महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार के खिलाफ सीबीआई जांच की मांग वाली जनहित याचिका को बंबई उच्च न्यायालय में चुनौती दी है। राकांपा (शरदचंद्र पवार) अध्यक्ष ने अधिवक्ता जोएल कार्लोस के माध्यम से दायर आवेदन में एक वकील की जनहित याचिका में प्रतिवादी बनाये जाने की मांग की है ताकि वह याचिका के खिलाफ अपनी दलील पेश कर सकें। अधिवक्ता नानासाहेब जाधव ने पिछले साल पीआईएल दायर कर अनुरोध किया था कि केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) को कथित अनियमितताओं के मामले में तीनों के खिलाफ और राज्य सरकार के कुछ अधिकारियों के खिलाफ मामला दर्ज करने का निर्देश दिया जाए। पवार की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एस्पी चिनॉय ने बुधवार को अदालत में कहा कि याचिकाकर्ता जाधव बार-बार एक जैसे आरोप लगाते हैं। चिनॉय ने कहा कि उच्च न्यायालय ने 2022 में लवासा परियोजनाओं को दी गई अनुमति के खिलाफ जाधव की इसी तरह की एक याचिका को खारिज कर दिया था। तब जाधव ने उच्चतम न्यायालय का रुख किया था और मामला वहां लंबित है। चिनॉय ने कहा कि इस बीच जाधव ने यह याचिका दाखिल कर अपनी शिकायत के मामले में सीबीआई जांच की मांग की है।