मुंबई। महाराष्ट्र के पूर्व मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के नेता हर्षवर्धन पाटिल ने सोमवार को मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस को पत्र लिखकर सुरक्षा की मांग की है। इस संबंध में उपमुख्यमंत्री की ओर से अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी गई है। हर्षवर्धन पाटिल ने पत्रकारों को बताया कि राज्य में अजीत पवार गुट और शिंदे गुट के साथ मिलकर भाजपा ने सरकार बनाया है और सरकार अच्छा काम कर रही है लेकिन अजीत पवार के गुट के कुछ नेता और पदाधिकारी उन्हें धमकी दे रहे हैं। हर्षवर्धन पाटिल ने कहा कि लोकसभा चुनाव नजदीक हैं और उन्हें भाजपा का प्रचार करने के लिए बाहर घूमना पड़ेगा लेकिन उनकी जान को धोखा हो सकता है। इसलिए उन्हें पुलिस सुरक्षा दी जाए।
फडणवीस को लिखे अपने पत्र में क्या आरोप लगाए गए?
पाटिल ने अपने पत्र में लिखा कि महाराष्ट्र राज्य में महायुति सरकार उनके मार्गदर्शन में ठीक से काम कर रही है। लेकिन जब मैं अपने क्षेत्र में आपके नेतृत्व में राजनीतिक और सामाजिक जीवन में काम कर रहा हूं, तो इंदापुर में सहयोगी दलों के कुछ पदाधिकारी राजनीतिक सार्वजनिक सभाओं और बैठकों में मेरे खिलाफ विलक्षण और तीखी भाषा में आधारहीन बयान दे रहे हैं। साथ ही वे क्षेत्र में न जाने की धमकी भी दे रहे हैं। इसलिए मुझे अपनी सुरक्षा की चिंता है। मामला बेहद गंभीर है और हमें इस पर तुरंत ध्यान देना चाहिए। ऐसे गुंडा प्रवृत्ति के लोगों को समय रहते रोका जाना चाहिए। हालाँकि, हम आपसे अनुरोध करते हैं कि आप इस संबंध में कड़ा रुख अपनाएं और उचित कार्रवाई का आदेश देकर सहयोग करें।इस तरह के गंभीर आरोप हर्षवर्द्धन पटल ने लगाए हैं। उनके इस पत्र के सामने आने के बाद अब एक नई चर्चा छिड़ गई है। भाजपा ने 2 मार्च को लोकसभा चुनाव के लिए अपनी पहली सूची की घोषणा की। जिसमें 195 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा की गई। लेकिन इसमें बीजेपी ने महाराष्ट्र की किसी भी सीट पर उम्मीदवार की घोषणा नहीं की है। इसलिए राजनीतिक गलियारे में चर्चा है कि राज्य में सीट बंटवारे को लेकर शिवसेना (शिंदे गुट), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (अजित पवार गुट) और बीजेपी के बीच भारी खींचतान चल रही है। तीन पार्टियां एक साथ आ गई हैं, ऐसे में इस बात पर फिलहाल काफी तनाव है कि आखिर फॉर्मूला क्या हो और किस पार्टी को कौन सी सीटें मिलें।