मुंबई। मुंबई की एक विशेष अदालत ने मंगलवार को केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें शीना बोरा हत्याकांड की मुख्य आरोपी इंद्राणी मुखर्जी पर बने एक वृत्तचित्र श्रृंखला के प्रसारण पर रोक लगाने का अनुरोध किया गया था। सीबीआई के विशेष न्यायाधीश एस.पी. नाइक निंबालकर ने कहा कि अदालत के पास प्रसारण रोकने की ‘‘शक्ति’’ नहीं है, और उन्होंने जांच एजेंसी से कहा कि वह उचित मंच पर संपर्क करें। न्यायाधीश ने पाया कि अभियोजन पक्ष ने ऐसे निर्देशों के लिए कोई कानूनी प्रावधान उनके ध्यान में नहीं लाया। ‘द इंद्राणी मुखर्जी स्टोरी : द बरीड ट्रुथ’ शीर्षक वाली वृत्तचित्र श्रृंखला 25 वर्षीय बोरा के लापता होने की कहानी बताती है और इसका प्रीमियर 23 फरवरी को वीडियो स्ट्रीमिंग मंच ‘नेटफ्लिक्स’ पर होगा। लोक अभियोजक सी.जे. नंदोडे के माध्यम से दायर अपने आवेदन में, सीबीआई ने अदालत से कहा था कि मुकदमे के समापन तक नेटफ्लिक्स समेत किसी भी मंच पर उस वृत्तचित्र के प्रसारण की अनुमति नहीं दी जाए, जिसमें आरोपी व्यक्तियों और मामले से जुड़े अन्य व्यक्तियों को दिखाया गया हो। इंद्राणी पर अप्रैल 2012 में अपनी 24 वर्षीय बेटी शीना बोरा की अपने तत्कालीन चालक श्यामवर राय और पूर्व पति संजीव खन्ना के साथ मिलकर हत्या करने का आरोप है। बोरा, इंद्राणी के पूर्व पति से उत्पन्न संतान थी। बोरा का जला हुआ शव रायगढ़ जिले के जंगल से मिला था। मामले का खुलासा 2015 में तब हुआ जब श्यामवर राय ने एक अन्य मामले में हुई गिरफ्तारी में पूछताछ के दौरान बोरा की हत्या की जानकारी दी।