मुंबई। महाराष्ट्र में महाराष्ट्र मराठा आरक्षण को लेकर मनोज जरांगे पाटील 26 जनवरी से आजाद मैदान पर अनशन करने के लिए पदयात्रा पर निकले हैं, तो वहीं ओबीसी समाज की 400 जातियां एक हो गई है। उनका कहना है कि किसी भी हाल में ओबीसी समाज के कोटे से मराठाओं को आरक्षण नहीं देने दिया जाएगा। जरांगे पाटिल सरकार को ब्लैकमेलिंग करने का तरीका अपना रहे हैं। यह बात राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष बबनराव तायवाडे ने कही। राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस लेकर अपनी रणनीति जाहिर की। उनका कहना है कि यदि मराठो को ओबीसी कोटे से, सरकार आरक्षण देने की कोशिश करेगी तो लगभग 400 जातियां जो ओबीसी में आती है वह सड़कों पर उतर जाएंगी और पूरे महाराष्ट्र का घेराव करेगी। महाराष्ट्र में मराठा आरक्षण की मांग को लेकर जारी आंदोलन के चलते हालत बिगड़ने की संभावनाएं बनी हुई है। ओबीसी महासंघ के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि ओबीसी समाज में लगभग 400 के आसपास जातियां आती है। ओबीसी समाज कभी भी नहीं चाहेगा कि मराठों को आरक्षण ओबीसी समाज से दिया जाए। सरकार ने ओबीसी समाज को लिखित आश्वासन दिया है कि मराठा को ओबीसी समाज के अंदर से रिजर्वेशन नहीं दिया जाएगा। यदि गलती से भी सरकार या कदम उठाती है तो 400 जातियां सड़क पर आ जाएगी। राष्ट्रीय ओबीसी महासंघ के उपाध्यक्ष किरण पांडव ने कहा कि सरकार बार-बार कह रही है, मुख्यमंत्री कह रहे हैं, दो उपमुख्यमंत्री कह रहे हैं कि ओबीसी में से मराठाओं को आरक्षण नहीं दिया जाएगा, फिर भी आंदोलनकर्ता अपने आंदोलन को लेकर चल रहे हैं। ओबीसी समाज वेट एंड वॉच की भूमिका में है। ओबीसी समाज के पदाधिकारी का कहना है कि हर बात के लिए वक्त लगता है, जरांगे पाटिल को भी सरकार को थोड़ा समय देना चाहिए। एक दिन में निर्णय इस तरीके का नहीं लिया जा सकता। उन्होंने कहा, जरांगे पाटिल ब्लैकमेलिंग का तरीका अपना रहे है। दो दिन में, एक दिन में, चार दिन में सरकार के निर्णय की बात करते हैं जो कि संभव नहीं है। पहले इसकी स्टडी होनी चाहिए यह संवैधानिक मांग है कि नहीं।