
ठाणे। महाराष्ट्र के ठाणे शहर के बालकुम इलाके में हुए एक दर्दनाक हादसे में सात लोगों की मौत हो गयी। ठाणे के घोड़बंदर रोड पर स्थित 40 मंजिला इमारत की निर्माणाधीन लिफ्ट गिरने से सात मजदूरों की मौत हो गई। जबकि दो अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। मृतकों में चार मजदूर बिहार के निवासी है। ठाणे महानगरपालिका के आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ के प्रमुख यासीन तडवी ने बताया कि रविवार को निर्माणाधीन इमारत की लिफ्ट दुर्घटनाग्रस्त होकर तीन स्तरीय भूमिगत पार्किंग में जा गिरी। यह हादसा शाम में करीब सवा पांच बजे हुआ। 40वीं मंजिल से आ रही लिफ्ट अचानक 13वीं मंजिल से नीचे गिर गयी। प्रथम दृष्टया हादसे की वजह लिफ्ट की सहायक केबल में से एक केबल का टूटना बताया जा रहा है। मामले की जांच चल रही है। बताया जा रहा है कि इमारत की वाटर प्रूफिंग का काम चल रहा है और सभी मजदूर लिस्ट से नीचे आ रहे थे। हादसे की सूचना मिलने के बाद क्षेत्रीय आपदा प्रबंधन प्रकोष्ठ और फायर ब्रिगेड की टीम मौके पर पहुंची और अंडरग्राउंड पार्किंग से श्रमिकों को बाहर निकाला। फिलहाल यह स्पष्ट नहीं हो सका कि लिफ्ट की केबल में खराबी कैसे आई। यह इमारत रुनवाल ग्रुप से संबंधित है। कंपनी ने दावा किया है कि दुर्घटनाग्रस्त लिफ्ट की हालत अच्छी थी और इसका मेंटेनेंस का काम हाल ही में किया गया है। मृतक मजदूरों की पहचान महेंद्र चौपाल (32), रूपेश कुमार दास (21), हारुन शेख (47), मिथलेश (35) और कारीदास (38) के रूप में की गई है। जबकि दो की शिनाख्त की जा रही है। घटना के बाद परिवार में कोहराम मचा हुआ है। मृतकों में चार बिहार के समस्तीपुर के रहने वाले हैं। मजदूर पिछले हफ्ते ही गांव से मुंबई आये थे। मृतक मजदूरों के परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं है। इसलिए शवों को महाराष्ट्र से लाने के लिए पीड़ित परिवारों ने प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है। कापुरबावड़ी पुलिस थाने के वरिष्ठ पुलिस इंस्पेक्टर उत्तम सोनवणे ने बताया कि ठेकेदार के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 304 (2) (जल्दबाजी और लापरवाही से किया गया कृत्य), 337 (दूसरों की निजी सुरक्षा या जीवन को खतरे में डालकर नुकसान पहुंचाना) और 338 (दूसरे की जान या निजी सुरक्षा को खतरे में डालकर गंभीर चोट पहुंचाना) के तहत मामला दर्ज किया गया है।