नागपुर। अवैध धंधों की पुलिस से शिकायत करने वाले राकेश मिश्रा की हत्या की प्लानिंग आठ माह पहले ही बन गई थी। बार-बार संचालक दीपक वर्मा ने अपराधी गणेश दांडेकर को इसके लिए आठ माह पहले 2 लाख रुपये एडवांस भी दिए थे। राकेश मिश्रा भी इस खतरे से वाकिफ था। लिहाजा राकेश और उसके साथियों ने समय-समय पर एमआईडीसी पुलिस को सतर्क करके कार्रवाई करने के लिए भी कहा था। लेकिन पुलिस द्वारा न तो इस पर कोई तवज्जो दी और न हो उनके खिलाफ कोई कार्रवाई की गई। जिसके चलते ही अपराधी राकेश मिश्रा की हत्या करने में सफल हुए। इस मामले में अभी तक पुलिस ने 8 आरोपियों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है जिन्हें 28 अगस्त तक पुलिस कस्टडी रिमांड में भेज दिया गया है। एमआईडीसी पुलिस थाने के राजीव नगर में 16 अगस्त की रात अपराधियों ने 32 वर्षीय राकेश मिश्रा के साथ ही उसके दोस्त रवि जायसवाल पर हमला कर गंभीर रूप से घायल कर दिया था। हालांकि इस हमले में राकेश मिश्रा की मौत हो गई थी। क्राइम ब्रांच यूनिट एक की टीम ने हत्या के इस मामले में शामिल 6 आरोपियों – गणेश दांडेकर राहुल उर्फ शीनू शिंदे, देवांस शर्मा, हसन खान, वेदांत मानकर और अमीर शाह को गिरफ्तार किया था। इसके पहले एमआईडीसी पुलिस ने दीपक वर्मा और अश्विन चौधरी को पकड़ा था। राकेश की हत्या में गणेश के साथ ही उसका भाई अर्जुन भी शामिल था। हालांकि गणेश अपने भाई के इस हत्या में शामिल होने से इंकार कर रहा है। हालांकि अभी भी आरोपी बार-बार अपने बयान बदल रहे हैं जिसके चलते कोर्ट में पेश करने के बाद उन्हें 28 अगस्त तक पुलिस कस्टडी रिमांड में भेजा गया है ,जहां इस हत्याकांड की कड़ियों को जोड़ने का काम अब पुलिस कर रही है।