मुंबई। महाराष्ट्र सरकार के उद्योग विभाग और मे.ओफएबी टेक प्रा.लिमिटेड के बीच कपड़ा उद्योग में निवेश के लिए एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं। यह समझौता वर्धा जिले के कारंजा (घा) एमआईडीसी क्षेत्र में कपड़ा उद्योग को बढ़ावा देने और विस्तार के उद्देश्य से किया गया है। इस परियोजना से लगभग 750 करोड़ रुपये का निवेश होगा, जिससे कपड़ा क्षेत्र में 15 हजार नौकरियां उत्पन्न होने की उम्मीद है। उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने इस अवसर पर कहा कि मे.ओफएबी टेक प्रा.लिमिटेड, जो भारत का सबसे बड़ा बिजनेस-टू-बिजनेस उद्यम है, इस निवेश के साथ कपड़ा क्षेत्र में बड़े पैमाने पर बदलाव लाएगा। इस समझौते के तहत, कपड़ा निर्माण के लिए कच्चे माल, सस्ती बिजली, संचार सुविधाएं, और कम लागत वाले औद्योगिक भूखंड उपलब्ध कराए जाएंगे, जिससे परियोजना के तेजी से कार्यान्वयन में सहायता होगी।
वर्धा जिले को मिलेगा औद्योगिक बल
इस परियोजना से विदर्भ के वर्धा जिले में औद्योगिक रूप से कम विकसित क्षेत्रों को नई ताकत मिलेगी। कपड़ा उद्योग में निवेश से महिला कारीगरों को बड़े पैमाने पर रोजगार मिलेगा, जिससे आस-पास के ग्रामीण क्षेत्रों में आर्थिक विकास को बढ़ावा मिलेगा। इसके अलावा, हब और स्पोक मॉडल के तहत ग्रामीण उद्योगों को भी प्रोत्साहन मिलेगा, जिससे समग्र क्षेत्र का विकास होगा। मे ओएफएबी टेक प्राइवेट लिमिटेड के साथ इस समझौते से वर्धा जिले में न केवल औद्योगिक बुनियादी ढांचा मजबूत होगा, बल्कि स्थानीय स्तर पर आर्थिक गतिविधियों में भी वृद्धि देखने को मिलेगी।