ठाणे। मुंबई से सटे पालघर जिले में ठगी करने का बेहद चौंकाने वाला मामला सामने आया है। वसई विरार में फर्जी दस्तावेजों के आधार पर एक-दो नहीं, बल्कि 55 इमारतों का निर्माण करा दिया गया। पुलिस को जांच में पता चला कि फर्जी स्टांप, लेटरहेड, नगर पालिका, कलेक्टर सिडको और माध्यमिक पंजीकृत कार्यालयों के अनुबंधों का उपयोग करके दस्तावेज बनाए गए हैं। रुद्राक्ष नाम की इमारत से इस ठगी की कहानी का खुलासा हुआ है। इस मामले में पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया है।
600 फर्जी लैटर हेड बरामद
पुलिस के मुताबिक, फर्जी नगर निगम के लेटरहेड पर निर्माण अनुमति (सीसी), फर्जी संयुक्त समापन प्रमाणपत्र (पीसीसी) और फर्जी अधिभोग प्रमाणपत्र (ओसी) तैयार किया कर बिल्डरों को मुहैया कराया गया था। बिल्डर इन फर्जी दस्तावेजों के आधार पर ही इमारत खड़ी कर दिए। आरोपियों के पास से कुल 115 विभागों से जुड़े स्टैम्प, 600 फर्जी लैटर हेड और सिडको के 500 लेटर पैड बरामद किए गए हैं। साथ ही उनके पास से नक्शा, स्टैम्प बनाने की मशीन, प्रिंटर और कंप्यूटर भी जब्त किए गए हैं।
आरोपी विभागों की फर्जी मोहरें तैयार करते थे
पुलिस ने कहा है कि आरोपी विभिन्न विभागों की फर्जी मोहरें तैयार करते थे और इसे बिल्डरों को मोटी कीमत पर उपलब्ध कराते थे. विरार पुलिस ने इस मामले में 5 लोगों को गिरफ्तार किया है, जिनके नाम मछिंद्र वनमाने, दिलीप अदखले, प्रशांत पाटिल, दिलीप बेनवंशी और राजेंद्र नाइक है। इन आरोपियों ने फर्जी दस्तावेजों के आधार पर सेकेंडरी रजिस्ट्रार के यहां रजिस्ट्रेशन कराकर रेरा के तहत मंजूरी हासिल कर ली थी। यानी कि रेरा जैसी संस्था को भी गुमराह किया गया था।
इमारतों से जुड़े बिल्डर भी पुलिस की रडार पर
विरार पुलिस स्टेशन के वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक राजेन्द्र काम्बले ने बताया कि आरोपियों के पास से आर्किटेक्ट और वकील आदि के भी 93 नकली स्टांप भी बरामद किए गए हैं। साथ ही विभिन्न डेवलपर्स के 22 नकली रबर स्टांप की भी बरामदगी की गई है। इनके पास से 55 इमारतों की फाइलें मिली हैं। पुलिस को इमारतों का निर्माण फर्जी दस्तावेजों के आधार पर होने का शक है। ऐसे में इन 55 इमारतों से जुड़े बिल्डर भी पुलिस की रडार पर हैं। ऐसे में इस मामले मे और भी गिरफ्तारी हो सकती हैं।