Saturday, September 21, 2024
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35 हजार महिलाओं ने किया श्रीमंत दगडूशेठ हलवाई गणपति के सामने अथर्वशीर्ष का पाठ

पुणे। शहर में गणेश उत्सव की धूमधाम से शुरुआत हो चुकी है, और चारों ओर ‘गणपति बप्पा मोरया’ की गूंज सुनाई दे रही है। गणेश मंडलों की सजावट से पूरा शहर रोशन हो गया है, और भक्तों की भीड़ पंडालों में उमड़ रही है। इस शुभ अवसर पर श्रीमंत दगडूशेठ हलवाई सार्वजनिक गणपति के पंडाल में एक अनोखा और भव्य आयोजन हुआ। करीब 35 हजार महिलाओं ने एकत्रित होकर अथर्वशीर्ष का पाठ किया, जिससे पूरे माहौल में एक विशेष ऊर्जा का संचार हुआ। यह आयोजन ऋषि पंचमी के अवसर पर आयोजित किया गया था। महिलाएं रात एक बजे से ही पारंपरिक वेशभूषा में सज-धजकर गणपति पंडाल में एकत्रित होने लगीं। कार्यक्रम के दौरान, उन्होंने गणेश जी का नाम लेकर अथर्वशीर्ष का पाठ किया और नारी शक्ति को जागृत किया। इस पाठ के दौरान गणेश जी के नाम का जप करते हुए हर महिला के चेहरे पर भक्ति और उत्साह झलक रहा था। कार्यक्रम के दौरान कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे, जिनमें वरिष्ठ साहित्यकार डॉ. अरुणा ढेरे, वृषाली श्रीकांत शिंदे, ट्रस्ट के कोषाध्यक्ष महेश सूर्यवंशी, सुवर्णयुग तरुण मंडल के अध्यक्ष प्रकाश चव्हाण, और प्रोफेसर गौरी कुलकर्णी शामिल थे। यह आयोजन श्रीमंत दगडूशेठ हलवाई सार्वजनिक गणपति ट्रस्ट और सुवर्णयुग तरुण मंडल द्वारा आयोजित किया गया था, जो इस वर्ष अपने 132वें वर्ष में प्रवेश कर चुका है। इस कार्यक्रम का एक विशेष आकर्षण था कि महिलाओं द्वारा किए गए अथर्वशीर्ष पाठ को इंडिया स्टार वर्ल्ड रिकॉर्ड में दर्ज किया गया। दीपक हरके ने इस अवसर पर ट्रस्ट को प्रमाण पत्र प्रदान किया, जिससे यह आयोजन और भी विशेष बन गया।इस पवित्र कार्यक्रम के लिए पुणे, मुंबई, लातूर, कोल्हापुर, नासिक, और महाराष्ट्र के विभिन्न स्थानों से महिलाएं उत्सव मंडप में उमड़ीं। दगडूशेठ हलवाई के उत्सव मंडप से लेकर नाना वाडा तक हर ओर महिलाएं ही महिलाएं नजर आ रही थीं, जो पूरे उत्साह और भक्ति भाव के साथ गणपति जी का जाप कर रही थीं। इस आयोजन का समापन आरती के साथ हुआ, जिसमें भक्ति और श्रद्धा का संपूर्ण मिलन देखा गया। यह पहल का 39वां वर्ष था और हर साल की तरह इस बार भी इसने पुणे शहर को एक बार फिर से भक्ति की अद्भुत छटा में डुबो दिया। इस तरह के आयोजनों से न केवल धार्मिक संस्कृति का प्रसार होता है, बल्कि समाज में नारी शक्ति की एकता और सामूहिक प्रयासों का भी संदेश जाता है।

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